कोरोना वायरस अर्थात कोविड 19 की महामारी अभी भी पूर्णत: समाप्त नहीं हुई है। जब तक वैक्सीन नहीं लग जाती तब तक मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग रखना जारी रखें। वैक्सीन लगाने के बाद भी यह कार्य तब तक जारी रखें जब तक की महामारी का दौर समाप्त नहीं हो जाता है। इसीलिए जरूरी है कोरोना काल में 5 कार्य करना।
1. उपवास : एक दिन का पूर्ण उपवास या व्रत हमारे भीतर के रोगाणु और विषैले पदार्थ को बाहर निकालकर हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यदि आप वृद्ध नहीं हैं तो आप इस दौरान नारियल पानी लें और एक बाल हरड़ का सेवन करें। बाल हरड़ को खाना नहीं बल्कि चूसना है। यह आपके शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर कर देगी। टॉक्सिन्स बाहर निकलने से शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। कोरोना काल में इम्यून सिस्टम को मजबूत रखना जरूरी है।
2. सात्विक भोजन : शास्त्रों में भोजन के तीन प्रकार बताए गए हैं। सात्विक भोजन, राजसिक भोजन और तामसिक भोजन। ताजा शुद्ध शाकाहारी और उत्तम भोजन को सात्विक भोजन कहते हैं। इस भोजन में लहसुन, प्याज, बैंगन और कटहल जैसी उत्तेजना बढ़ाने वाली सामग्री का उपयोग कम ही किया जाता है। क्योंकि कई ऐसा शाकाहारी भोजन भी है जो राजसिक और तामसिक भोजन के अंतर्गत आते हैं। दूध, दही, घी, मक्खन, शहद, शहतूत, हरी पत्तेदार सब्जियां, नारियल, मिश्री, खीर, पंचाम्रत, भात आदि सात्विक भोजन के अंतर्गत आते हैं। यह भोजन रसयुक्त, हल्की चिकनाईयुक्त और पौष्टिक होना चाहिए। इसमें अन्ना, दूध, मक्खन, घी, मट्ठा, दही, हरी-पत्तेदार सब्जियां, फल-मेवा आदि शामिल हैं। इन्हीं के साथ नींबू, नारंगी और मिश्री का शरबत, लस्सी जैसे तरल पदार्थ बहुत लाभप्रद हैं। इस तरह का भोजन करने से भी इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
3. प्राणायाम : प्राणायाम से हमारे फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है। कोराना वायरस सबसे पहले हमारे फेफड़ों को संक्रामित करता है। सांस लेने में तकलीफ होती है। यदि आपके फेफड़ें सक्रिय और मजबूत हैं तो आप इस वायरस पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप घर में ही रहकर पूरक अर्थात श्वास अंदर लेने की क्रिया कुंभक अर्थात श्वास को अंदर रोकने की क्रिया और रेचक अर्थात श्वास धीरे-धीरे छोड़ने की क्रिया। पूरक, कुंभक और रेचक की आवृत्ति को अच्छे से समझकर प्रतिदिन यह प्राणायाम करने से रोग दूर हो जाते हैं। इसके बाद आप भ्रस्त्रिका, कपालभाती, शीतली, शीतकारी और भ्रामरी प्राणायाम को एड कर लें। यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगा।
4. तुलसी का रस : तुलसी तो अक्सर सभी घरों में लोग रखते ही है। इसके होने के कई फायदे हैं। यह एक ओर जहां सभी तरह के रोगाणु को घर में आने से पहले ही नष्ट कर देती है। वहीं इसके नियमित सेवन से किसी भी प्रकार का गंभीर रोग नहीं होता है। यह भी आपकी रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती है। तुलसी के अलावा आप चाहें तो गिलोय या कड़वा चिरायता का रस भी प्रतिदिन आधा कप पीएं। हालांकि इनका सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए। आवश्यकता अनुसार सप्ताह में दो बार ही सेवन करें या आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लें। तुलसी के साथ अदरक, कालीमिर्च, अदरक और शहद को उचित मात्रा में मिलाकर पीने से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है।
5. सूर्य नमस्कार : आप प्रतिदिन घर में ही सूर्य नमस्कार की 12 स्टेप 12 बार करें इससे आप हर तरह से फीट होकर रोगों से लड़ने के लिए तैयार रहेंगे। कहना चाहिए कि कोई विषाणु आप पर असर नहीं कर पाएगा। यह भी आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगा।