बहुत बेचैनी है? तनावग्रस्त हैं? किसी दु:ख को लेकर चिंता में घिरे हैं? या यूं ही चिंता में रहने की आदत हो चली है? यह भी हो सकता है कि आपको सिरदर्द की शिकायत हो। कहीं ऐसा तो नहीं कि दिमागी झंझावतों की वजह से आप रातभर करवटें बदलते रहते हों। खैर, जो भी हो, आओ हम आपको दिमाग को शांत रखने के 5 यौगिक उपाय बताते हैं।
1. ये तीन प्राणायाम करें : चंद्रभेदी, सूर्यभेदी और भ्रामरी प्राणायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें। इन्हें आसानी से सीखा जा सकता है।
2. योगासन : योगासनों में जानुशिरासन, सुप्तवज्रासन, पवनमुक्तासन, पश्चिमोत्तानासन, उष्ट्रासन, ब्रह्ममुद्रा या फिर रोज सूर्य नमस्कार करें।
3. ध्यान करें : यदि उपरोक्त में से कुछ भी नहीं कर सकते हैं तो प्रतिदिन 10 मिनट का ध्यान करें।
4. श्वास प्रश्वास : यदि उपरोक्त में से कुछ भी नहीं कर सकते हैं तो श्वास प्रश्वास की ये स्टेप करें। सबसे पहले पेट तक गहरी श्वास लें। फिर उससे दोगुने समय तक रोककर रखें और अंत में जितती देर तक छोड़ते सकते हैं छोड़े। ऐसा कम से कम 10 बार तक करें।
5. योग निद्रा : प्राणायाम में भ्रामरी और प्रतिदिन पांच मिनट का ध्यान करें। आप चाहें तो 20 मिनट की योग निद्रा लें जिसके दौरान रुचिकर संगीत पूरी तन्मयता से सुनें और उसका आनंद लें। यदि आप प्रतिदिन योग निद्रा ही करते हैं तो यह रामबाण साबित होगी।
प्रतिबंध : कुछ तो स्वयं पर प्रतिबंध लगाना ही होगा। सोचे कि आप ज्यादा क्यों सोचते हैं। दिमाग में द्वंद्व क्यों रखते हैं। अपनी श्वासों को उखड़ा-उखड़ा क्यों रखते हैं, क्यों नहीं गहरी श्वास लेते हैं। चेहरे और आंखों में तनाव क्यों रखते हैं। कपाल पर सिलवटें क्यों बनाएं रखते हैं? आखिर ऐसा क्या है कि आप भयाक्रांत हैं? चिंता और भय के अलावा भी ऐसी क्या बात है जो आपके मस्तिष्क को अशांत रखती है- इस सबको समझते हुए स्वयं पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करें क्योंकि 'आप' अपने मस्तिष्क और उसकी तमाम हलचलों से श्रेष्ठ और दूर हैं। जरा हटकर सोचें।