डायबिटीज को दूर भगाएं योग की ये 3 टिप्स

अनिरुद्ध जोशी
वर्तमान में खराब जीवनचर्या और कसरत नहीं करने के चलते आम भारतीयों में डायबिटीज रोग अब आम हो चला है। दिनोदिन इसके रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। योगासन और योग मुद्रासन का समय समय पर अभ्यास किया जाए तो डायबिटीज से बचा जा सकता है। आओ जानते हैं इस संबंध में 3 टिप्स, जो डायबिटीज को जड़ से खत्म कर देगा।
 
 
पहली टिप्स : 16 घंटे का उपवास : आप यदि रात के भोजन या कहें कि डिनर के बाद 16 घंटे तक उपवास रखेंगे तो आपकी डायबिटीज कंट्रोल में हो जाएगी। सुबह को चाय, दूध या कोई सा भी पदार्थ ग्रहण नहीं करना है। बस गरम जल, ग्रीन टी या नारियल पानी पी सकते हैं।
 
 
दूसरी टिप्स : दो योग मुद्राएं :-
1. पद्मासन में बैठकर दाएं हाथ की हथेली को पहले नाभि पर रखें और बाएं हाथ कि हथेली दाएं हाथ पर रखें। फिर श्वास बाहर निकालते हुए आगे झुककर ठोड़ी भूमि पर टिकाइए। दृष्टि सामने रहे। श्वास अन्दर भरते हुए वापस आएं। इस तरह 4-5 बार करें। या आप नीचे लिखी मुद्रा करें।
 
 
2. पद्मासन में बैठकर दोनों हाथों को पीठ के पीछे ले जाकर दाएं हाथ से बाएं हाथ की कलाई को पकड़े। फिर श्वास बाहर छोड़ते हुए भूमि पर ठोड़ी स्पर्श करें। इस दौरान दृष्टि सामने रखें। ठोड़ी यदि भूमि पर नहीं लगती है, तो यथाशक्ति सामने झुकें।
 
 
तीसरी टिप्स : कुर्मासन या करें मंडूकासन :-
1.कुर्मासन :
पहली विधि : सबसे पहले आप वज्रासन में बैठ जाएं। फिर अपनी कोहनियों को नाभि के दोनों ओर लगाकर हथेलियों को मिलाकर ऊपर की ओर सीधा रखें। इसके बाद श्वास बाहर निकालते हुए सामने झुकिए और ठोड़ी को भूमि पर टिका दें। इस दौरान दृष्टि सामने रखें और हथेलियों को ठोड़ी या गालों से स्पर्श करके रखें। कुछ देर इसी स्थिति में रहने के बाद श्वास लेते हुए वापस आएं। यह आसन और भी कई तरीकों से किया जाता है, लेकिन सबसे सरल तरीका यही है।
 
 
दूसरी विधि : सबसे पहले दंडासन की स्थिति में बैठ जाएं। फिर दोनों घुटनों को थोड़ा-सा ऊपर करके कमर के बल झुकते हुए दोनों हाथों को घुटनों के नीचे रखते हुए उन्हें पीछे की ओर कर दें। इस स्थिति में हाथों की बांहे घुटनों को स्पर्श करती हुई और हथेलियां पीछे की ओर भूमि पर टिकी हुई रहेगी। इसके पश्चात्य धीरे-धीरे ठोड़ी को भूमि पर टिका दें। यह स्थिति कुर्मासन की है। सुविधा अनुसार कुछ देर तक रहने के बाद वापस लौट आएं।
 
 
मंडूकासन : सर्वप्रथम दंडासन में बैठते हुए वज्रासन में बैठ जाएं फिर दोनों हाथों की मुठ्ठी बंद कर लें। मुठ्ठी बंद करते समय अंगूठे को अंगुलियों से अंदर दबाइए। फिर दोनों मुठ्ठियों को नाभि के दोनों ओर लगाकर श्वास बाहर निकालते हुए सामने झुकते हुए ठोड़ी को भूमि पर टिका दें। थोड़ी देर इसी स्थिति में रहने के बाद वापस वज्रासन में आ जाए।
 
 
उपरोक्त सभी मुद्राएं पेन्क्रियाज को सक्रिय करके डायबिटीज को कम करने में लाभकारी है। क्योंकि इसके अभ्यास से पेट का उत्तम व्यायाम होता है। जठराग्नि प्रदीप्त होती है तथा गैस, अपचन व कब्ज आदि उदर रोग भी मिट जाते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

रानी अहिल्याबाई के पति की मौत कैसे हुई थी?

लोकमाता देवी अहिल्याबाईः सुशासन और महिला स्वावलंबन की प्रणेता

ट्रंप क्यों नहीं चाहते Apple अपने प्रोडक्ट भारत में बनाए?

क्यों पद्मश्री से नवाजे गए ब्राजील के वेदांत आचार्य जोनास मसेट्टी? जानिए एक विदेशी आचार्य की प्रेरणादायक कहानी

जैव विविधता पर कविता : मैं अब भी प्रतीक्षा में हूं