कटिचक्रासन

Webdunia
कटि का अर्थ कमर अर्थात कमर का चक्रासन। उक्त आसन में दोनों भुजाओं, गर्दन तथा कमर का व्यायाम होता है इसीलिए इसे कटि चक्रासन कहते हैं। इस आसन के और भी कई नाम हैं। यह आसन खड़े होकर किया जाता है।

विधि : पहले सावधान की मुद्रा में खड़े हो जाएँ। फिर दोनों पैरों में लगभग एक फीट की दूरी रखकर खड़े हो जाएँ। फिर दोनों हाथों को कन्धों के समानान्तर फैलाते हुए हथेलियाँ भूमि की ओर रखें।

फिर बायाँ हाथ सामने से घुमाते हुए दाएँ कंधे पर रखें। फिर दायाँ हाथ मोड़कर पीठ के पीछे ले जाकर कमर पर रखिए। ध्यान रखें की कमर वाले हाथ की हथेली ऊपर ही रहे। अब गर्दन को दाएँ कंधे की ओर घुमाते हुए पीछे ले जाएँ। कुछ देर इ‍सी स्थिति में रहें।

WD
फिर गर्दन को सामने लाते हुए क्रमश: हाथों को कंधे के समानान्तर रखते हुए अब इसी क्रिया को दाएँ ओर से करने के पश्चात बाएँ ओर से कीजिए। इस प्रकार इसके एक-एक ओर से 5-5 चक्र करें ।

सावधानी : कमर या गर्दन में अत्यधिक दर्द की स्थिति में यह आसन न करें या करने के पहले योग विशेषज्ञ के साथ ही डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

लाभ : यह कमर, पेट, कुल्हे, मेरुदंड तथा जंघाओं को सुधारता है। इससे गर्दन और कमर में लाभ मिलता है। यह आसन गर्दन को सुडोल बनाकर कमर की चर्बी घटाता है। शारीरिक थकावट तथा मानसिक तनाव दूर करता है।

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

कौन था वह राजकुमार, जिसकी हत्या विश्व युद्ध का कारण बन गई? जानिए कैसे हुई World War 1 की शुरुआत

कौन हैं भारत के सबसे अमीर मुस्लिम? भारत के सबसे बड़े दानवीर का खिताब भी है इनके नाम

डॉलर या पाउंड नहीं, ये है दुनिया की सबसे महंगी करेंसी, जानिए इसके मुकाबले कहां ठहरता है आपका रुपया

बरसात के मौसम में ये 5 आसान योगासन कर सकते हैं आपकी इम्युनिटी की रक्षा

सदाबहार की पत्तियां चबाकर खाने के ये 7 फायदे नहीं जानते होंगे आप

सभी देखें

नवीनतम

रोज रात सोने से पहले पिएं ये 5 ड्रिंक्स, डाइजेशन और इम्युनिटी के लिए हैं बेस्ट

फ्रेंडशिप डे पर रूठे यारों को इस शायराना अंदाज में मनाएं, सिर्फ दो मिनट में रिश्तों में फिर से आएगी मिठास

रक्षा बंधन पर इस बार बाजार में आई है ये 5 ट्रेंडी राखियां, जरूर करें ट्राई

रूस में भूकंप से हड़कंप, जानिए भारत में किन जगहों पर है भूकंप का सबसे ज्यादा खतरा

नवम्बर में धरती पर हमला करेंगे एलियंस, वैज्ञानिकों ने भी दे दिए संकेत! क्या सच होगी बाबा वेंगा की भविष्यवाणी?