टेबल टॉप आसन (Table top yoga or Ardha Purvottanasana ) : अर्थ पूर्वोत्तनासन को अंग्रेजी लोग टेबल टॉप आसन कहने लगे हैं। इसी तरह के आसन सेतु बंध, चक्रासन और मार्जार आसन भी होते हैं।
आसन विधि : यह आसन दो रह से किया जाता है जैसा कि आप बड़े चित्र में देख रहे हैं। इसके अलावा इस आसन के प्रारंभ में घुटनों को न मोड़ते हुए और पगथलियों को भूमि पर न जमाते हुए भी यह आसन किया जाता है। जैसा कि आप छोटे चित्र में देख रहे हैं।
दंडासन में बैठकर दोनों हथेलियां भूमि पर टिकाएं फिर घुटनों को मोड़कर पगथलियों को भूमि पर जमाएं। उसके बाद पूरे धड़ को ऊपर उठा दें। कुछ सेकंड रुकने के बाद पुन: दंडासन में बैठ जाएं। ऐसा सुविधानुसार 7, 14 या 21 बार करें।
आसन लाभ : इस आसन के कई लाभ हैं। इससे कलाइयां, भुजाएं, कंधे, पीठ और रीढ़ को मजबूती मिलती है। पैरों व कूल्हों का व्यायाम भी हो जाता है। स्वसन प्रक्रिया में सुधार करता है। हृदय के लिए भी यह आसन लाभ दायक है। यह आंतों और उदर के अंगों में खिंचाव पैदा करता है इससे वे मजबूत बनती हैं। गर्दन की कसरत होने के कारर यह थायरॉइड ग्रंथी को भी उत्तेजित करता है।