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जन्मदिन मुबारक बाबा रामदेव : जानिए बाबा रामदेव के जीवन की प्रेरक बातें

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, शनिवार, 25 दिसंबर 2021 (11:48 IST)
पूरी दुनिया में बाबा रामदेव से पहले शायद योग के बारे में और उसके महत्व के बारे में कोई नहीं जानता था। कहा जाता है योग 5000 वर्ष पूर्व से भारत में किया जा रहा है। लेकिन योग गुरु के नाम से मशहूर बाबा रामदेव ने योग को हर इंसान के जीवन का हिस्सा बना दिया है। आज बच्चे से लेकर बूढ़े लोग टीवी के माध्यम से योग सीखते हैं। भारत के साथ ही वह विदेशों में भी काफी लोकप्रिय है। 25 दिसंबर को बाबा रामदेव का जन्‍मदिन आइए जानते हैं उनके जीवन के कुछ प्रेरक बातें-

- बता दें कि आज के वक्त में पूरी दुनिया को योग सिखाने वाले बाबा रामदेव ने किसी से भी योग नहीं सीखा है। 9 साल की उम्र से ही वे योग करने लगे। उन्‍होंने किताबें पढ़कर योग सीखा।

- झे आज भी याद है, बचपन के वो सुहाने दिन, वो मेरा गांव, तालाब में तैरने का वो आनंद, सब याद हैं, मुझे। लेकिन जब मैं कुछ बड़ा हुआ, तो मेरी ये पसंद बदल गई। तब मन में न तो वो गांव रहा, न ही कोई बगीचा, न ही कोई खेल। मुझे बस पढ़ना और योगभ्यास करना ही अच्छा लगने लगा। इसलिए मै जा पहुंचा खानपुर गुरुकुल।

- बाबा रामदेव का असल में नाम रामकृष्ण यादव है। वह अपनी आठवीं की पढ़ाई छोड़कर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय चले गए थे। जहां पर उन्‍होंने संस्‍कृत और योग का अध्ययन किया।

- साल 1990 में बाबा रामदेव ने त्रिपुरा में योग आश्रम कनखल में हरिद्वार मे आचार्य बालकृष्ण से मुलाकात की। इसके बाद वे दोनों अध्ययन के लिए हिमालय चले गए। जहां पर बाबा रामदेव ने योग पर और बालकृष्ण ने आयुर्वेद पर अथक अभ्‍यास किया।

- प्राणायाम कार्यक्रम के दौरान वह 7 प्रकार से साँस लेने का अभ्यास (अनुक्रम में) करते हैं, जैसे कि- भस्त्रिका प्राणायाम, बाह्य प्राणायाम, कपालभाती प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, उद्गीथ प्राणायाम और प्रणव प्राणायाम, अनुलोम विलोम प्राणायाम।

- उन्होंने अपने व्यापार उद्यम का नाम महर्षि पतंजलि के नाम पर रखा।  

- वह बिस्मिल्ला ख़ाँ और सुभाष चंद्र बोस को अपना आदर्श मानते हैं।

- बाबा रामदेव कहते हैं ''दृढ़ता रखो, जिद नहीं। बहादुर बनो, जल्दबाजी नहीं। दया रखो, लेकिन कमजोरी नहीं।

- बुढ़ापा आयु से नहीं, अपने विचारों से देखा जाता है - बाबा  रामदेव

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