योगासन और अन्य व्यायामों में फर्क कैसे?

Webdunia
क्या है आसन : चित्त को स्थिर रखने वाले तथा सुख देने वाले बैठने के प्रकार को आसन कहते हैं। आसनों का मुख्य उद्देश्य शरीर के मल का नाश करना है। शरीर से मल या दूषित विकारों के नष्ट हो जाने से शरीर व मन में स्थिरता का अविर्भाव होता है। शांति और स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
 
शरीर ही मन और बुद्धि की सहायता से आत्मा को संसार के बंधनों से योगाभ्यास द्वारा मुक्त कर सकता है। शरीर बृहत्तर ब्रह्मांड का सूक्ष्म रूप है। अत: शरीर के स्वस्थ रहने पर मन और आत्मा में संतोष मिलता है। 
 
आसन और व्यायाम : आसन एक वैज्ञानिक पद्धति है। ये हमारे शरीर को स्वच्छ, शुद्ध व सक्रिय रखकर मनुष्य को शारीरिक व मानसिक रूप से सदा स्वस्थ बनाए रखते हैं। केवल आसन ही एक ऐसा व्यायाम है जो हमारे अंदर के शरीर पर प्रभाव डाल सकता है।
 
आसन और अन्य तरह के व्यायामों में फर्क है। आसन जहां हमारे शरीर की प्रकृति को बनाए रखते हैं वहीं अन्य तरह के व्यायाम इसे बिगाड़ सकते हैं। जिम या अखाड़े के शरीर- शरीर के साथ किए गए अतिरिक्त श्रम का परिणाम होते हैं जो सिर्फ दिखने के ही होते हैं। बॉडी की एक्स्ट्रा एनजी एनर्जी को डिस्ट्रॉय करना है तो ही अन्य व्यायामों के चक्कर में पड़े। बाद में ऐसा शरीर तेजी से ढलने लगता है। जबकि योगासन में व्यक्ति सदा जवान बना रहता हैं और उसने न तो घुटने की सर्जनी करना होती है और न ही कंधे की। योग दुनिया के हर तरह के व्यायाम या कसरत से कहीं ज्यादा फायदेमंद और बेहतरीन है।
 
आसन के प्रकार : आसन अनेक प्रकार के माने गए हैं। 'आसनानि समस्तानियावन्तों जीवजन्तव:। चतुरशीत लक्षणिशिवेनाभिहितानी च।'- अर्थात संसार के समस्त जीव जन्तुओं के बराबर ही आसनों की संख्या बताई गई है। इस प्रकार 84000 आसनों में से मुख्य 84 आसन ही माने गए हैं। उनमें भी मुख्य आसनों का योगाचार्यों ने वर्णन अपने-अपने तरीके से किया है।
 
मुख्यत: आसनों को चार भागों में विभाजित किया गया है। 1.बैठकर किए जाने वाले आसन। 2.पीठ के बाल लेटकर किए जाने वाले आसन। 3.पेट के बाल लेटकर किए जाने वाले आसन और 4.खड़े होकर किए जाने वाले आसन।
 
1. बैठकर : पद्मासन, वज्रासन, सिद्धासन, मत्स्यासन, वक्रासन, अर्ध-मत्स्येन्द्रासन, गोमुखासन, पश्चिमोत्तनासन, ब्राह्म मुद्रा, उष्ट्रासन, गोमुखासन। आदि।
2. पीठ के बल लेटकर : अर्धहलासन, हलासन, सर्वांगासन, विपरीतकर्णी आसन, पवनमुक्तासन, नौकासन, शवासन आदि।
3. पेट के बाल लेटकर : मकरासन, धनुरासन, भुजंगासन, शलभासन, विपरीत नौकासन आदि।
4. खड़े होकर : ताड़ासन, वृक्षासन, अर्धचंद्रमासन, अर्धचक्रासन, दो भुज कटिचक्रासन, चक्रासन,, पाद्पश्चिमोत्तनासन आदि।
5. अन्य : शीर्षासन, मयुरासन, सूर्य नम:स्कार आदि।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

चलती गाड़ी में क्यों आती है नींद? जानें इसके पीछे क्या है वैज्ञानिक कारण

सर्दियों में नाखूनों के रूखेपन से बचें, अपनाएं ये 6 आसान DIY टिप्स

क्या IVF ट्रीटमेंट में नॉर्मल डिलीवरी है संभव या C - सेक्शन ही है विकल्प

कमर पर पेटीकोट के निशान से शुरू होकर कैंसर तक पहुंच सकती है यह समस्या, जानें कारण और बचाव का आसान तरीका

3 से 4 महीने के बच्चे में ये विकास हैं ज़रूरी, इनकी कमी से हो सकती हैं समस्याएं

सभी देखें

नवीनतम

नैचुरल ब्यूटी हैक्स : बंद स्किन पोर्स को खोलने के ये आसान घरेलू नुस्खे जरूर ट्राई करें

Winter Skincare : रूखे और फटते हाथों के लिए घर पर अभी ट्राई करें ये घरेलू नुस्खा

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती पर लगाएं इन चीजों का भोग, अभी नोट करें

चाहे आपका चेहरा हो या बाल, यह ट्रीटमेंट करता है घर पर ही आपके बोटोक्स का काम

डायबिटीज के लिए फायदेमंद सर्दियों की 5 हरी सब्जियां ब्लड शुगर को तेजी से कम करने में मददगार

अगला लेख