84 महादेव : श्री अक्रूरेश्वर महादेव(39)

Webdunia
एक बार सभी देवी देवता, इंद्र, किन्नर, मुनि सभी पार्वती की स्तुति की कर रहे थे तब शिव के एक गण भृंगिरिट ने पार्वती की स्तुति करने से मना कर दिया। पार्वती के कई बार समझाने पर कि वह उनका पुत्र है ओर केवल शिव स्तुति से उसका कल्याण नहीं हो सकता है, परंतु वह पार्वती की बात नहीं माना ओर योग विद्या के बल पर उसने संपूर्ण मांस पार्वती को अर्पित कर दिया ओर शिवजी के पास पहुंच गया। माता पार्वती ने उसे श्राप दिया कि क्रूर बुद्धि के कारण भृंगिरिट ने उसका अपमान किया है इस कारण वह मनुष्य लोक को प्राप्त होगा। श्राप के प्रभाव से भृंगिरिट तत्काल पृथ्वी लोक पर गिर पड़ा। वहां उसने श्राप मुक्ति के लिए तपस्या प्रारंभ कर दी। तब शिव ने भृंगिरिट से कहा कि पार्वती ही तुम्हें श्राप मुक्त करेगी तुम उनकी आराधना करो। 

आपने उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर उससे कहा कि महाकाल वन में शिवलिंग का पूजन करें, उसके दर्शन प्राप्त से तुम्हारी बुद्धि सुबुद्धि में बदल जाएगी। भृंगिरिट ने महाकाल वन में जाकर शिव की उपासना की और शिवलिंग से पार्वती आधे शिव ओर आधे पार्वती के शरीर के साथ प्रकट हुई ओर उसे श्राप से मुक्त किया। भृंगिरिट ने वरदान मांगा की जिस शिवलिंग के दर्शन से उसकी सुबुद्धि हो गई। वह शिवलिंग अक्रूरेश्वर के नाम से विख्यात होगा। मान्यता है कि जो भी मनुष्य शिवलिंग के दर्शन कर पूजन करेगा वह स्वर्ग को प्राप्त होगा। उसके सभी पाप नष्ट हो जाएंगे।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितरों को करें तर्पण, करें स्नान और दान मिलेगी पापों से मुक्ति

जानिए क्या है एकलिंगजी मंदिर का इतिहास, महाराणा प्रताप के आराध्य देवता हैं श्री एकलिंगजी महाराज

Saturn dhaiya 2025 वर्ष 2025 में किस राशि पर रहेगी शनि की ढय्या और कौन होगा इससे मुक्त

Yearly Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों का संपूर्ण भविष्‍यफल, जानें एक क्लिक पर

Family Life rashifal 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों की गृहस्थी का हाल, जानिए उपाय के साथ

सभी देखें

धर्म संसार

01 दिसंबर 2024 : आपका जन्मदिन

धनु संक्रांति कब है क्या होगा इसका फल?

01 दिसंबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

01 दिसंबर 2024 को सुबह एक ही समय नजर आएंगे चांद और सूरज

शनि प्रकोप से मुक्ति के लिए उपाय