84 महादेव : श्री ब्रह्मेश्वर महादेव (65)

Webdunia
उज्जयिनी के चौरासी महादेव मन्दिरों में श्री ब्रह्मेश्वर महादेव का मन्दिर खटीकवाड़ा (ढाबारोड के पास) में स्थित है। भगवान विष्णु का संकट नष्ट करने तथा ब्रह्माजी द्वारा पूजे जाने के कारण श्री ब्रह्मेश्वर की प्रसिद्धि है। एक समय जब आसुरी शक्तियां प्रबल हो रही थी तब उनका नेतृत्व करने वाला पुलोमा नामक दैत्य अपने पराक्रम से इन्द्र सहित अनेक देवताओं को हराकर विष्णुलोक पहुंचा। विष्णु को सोया हुआ देखकर वह प्रतीक्षा करने लगा। 
इस बीच ब्रह्मकमल पर स्थित ब्रह्मा ने पुलोमा को देख लिया। साथ ही विष्णुजी के जागने पर उन्हें पुलोमा के आने का कारण भी बतला दिया। पुलोमा के आतंक से भयभीत विष्णुजी ने ब्रह्माजी से कहा कि तुम अभी महाकाल वन स्थित सातकल्प से पूर्व उत्पन्न शिवलिंग की आराधना कर उनसे अस्त्र-शस्त्र युक्त दिव्य जल यहां तुरन्त लाओ। इससे उस जल को पुलोमा और उसकी सेना पर छिड़ककर पराजित किया जा सके। ब्रह्माजी ने विष्णुजी के आग्रह पर अवंतिकापुरी में आकर इस तेजोमय शिवलिंग की उपासना की तथा वह जल प्राप्त कर विष्णुजी के संकट को दूर किया। ब्रह्माजी द्वारा आराध्य इस शिवलिंग को तभी से ब्रह्मेश्वर कहा जाने लगा।
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Weekly Horoscope: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा सप्ताह, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल (18 से 24 नवंबर)

Mokshada ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी कब है, क्या है श्रीकृष्‍ण पूजा का शुभ मुहूर्त?

Shani Margi: शनि का कुंभ राशि में मार्गी भ्रमण, 3 राशियां हो जाएं सतर्क

विवाह पंचमी कब है? क्या है इस दिन का महत्व और कथा

उत्पन्ना एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?

सभी देखें

धर्म संसार

22 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

22 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Prayagraj Mahakumbh : 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइटों से संवारा जा रहा महाकुंभ क्षेत्र

Kanya Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: कन्या राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

विवाह में आ रही अड़चन, तो आज ही धारण करें ये शुभ रत्न, चट मंगनी पट ब्याह के बनेंगे योग