84 महादेव : श्री सोमेश्वर महादेव (26)

Webdunia
प्राचीन कथा के अनुसार दक्ष प्रजापति के श्राप के कारण चंद्रमा विलुप्त हो गये थे। चंद्रमा के विलुप्त होने से धरती पर औषधियां समाप्त होने लगी। इस पर देवताओं ने ब्रह्मा से प्रार्थना की। ब्रह्मा की आज्ञा पर समुद्र मंथन किया गया उसमें से एक चंद्रमा प्रकट हुआ।

ब्रह्मा की आज्ञा से चंद्रमा धरती पर प्रजा का पालन करने लगा। श्राप ग्रस्त चंद्रमा ने भगवान विष्णु की आज्ञा से महाकाल वन में विराजित शिवलिंग की पूजा की ओर भगवान शिव से वरदान प्राप्त कर पुनः अपना शरीर ओर राज प्राप्त किया। चंद्रमा के पूजन करने के कारण शिवलिंग का नाम सोमेश्वर महादेव पड़ा। मान्यता है कि यहां पूजन करने से मनुष्य सभी कलंक से मुक्त होता है ओर अंत काल में मोक्ष को प्राप्त करता है।

 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

बुद्ध जयंती कब है, गौतम सिद्धार्थ नेपाली थे या भारतीय?

अमरनाथ यात्रा के बीच इन 5 कठिनाइयों का करना पड़ता है सामना

लाल किताब के अनुसार किस्मत का ताला खोलने के क्या है अचूक उपाय

गोल्ड पहन रखा है तो हो जाएं सावधान, पहले जान लें कि इसके क्या है नुकसान और सावधानियां

जगन्नाथ मंदिर के गुंबद पर स्थित नीलचक्र और ध्वज का रहस्य जानकर चौंक जाएंगे

सभी देखें

धर्म संसार

23 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

23 अप्रैल 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

मई 2025 में होगा 6 ग्रहों का गोचर, 3 ग्रहों से होगा बड़ा बदलाव

पहलगाम पहला पड़ाव, इस जगह के इतिहास और खास स्थलों को जानकर चौंक जाएंगे

सत्य साईं महाप्रयाण दिवस, जानें जीवन परिचय और उनके चमत्कार के बारे में