84 महादेव : श्री त्रिलोचनेश्वर महादेव(45)

Webdunia
बिरजनामा मंदिर पीठ पर स्थित त्रिलोचनेश्वर महादेव में सालों पूर्व कबूतर का जोडा रहता था। दोनों भगवान का दर्शन करते ओर अर्पित जल पीते भक्तों द्वारा की जाने वाली भगवान जयकार, भजन-कीर्तन को सुनते रहते थे। एक दिन एक श्येन वहां आया ओर सोचने लगा कि कैसे वह इनका भक्षण करें। कबूतरी ने श्येन को देख लिया ओर वह चिंता करते हुए कबूतर से कहने लगी कि वह श्येन हमें भक्षण करने आया है। श्येन एक दिन कबूतर को आपने साथ आकाश मार्ग ले गया। कबूतरी ने श्येन के पंजों में काटा जिससे कबूतर नीचे गिर गया ओर जंबूद्धीप में गिरकर मर गया। अगले जन्म में वह कबूतर मंदारा नाम के गंर्धव के यहां परिमल के नाम से जन्मा।



दूसरी ओर कबूतरी ने नागराज के यहां रत्नावली के रूप में जन्म लिया। परिमल किशोरावस्था से ही त्रिलोचनेश्वर महादेव के दर्शन ओर पूजन के लिए अंवतिका आने लगा। इधर रत्नावली ने भी भगवान महादेव के दर्शन व पूजन की कामना से यहां आना शुरू कर दिया। एक दिन रत्नावली सखियों के साथ मंदिर में ही सो गई। तब भगवान शिव ने दर्शन देकर पूर्व जन्म की कथा सुनाई ओर अवगत कराया कि परिमल पूर्व जन्म में तुम तीनों का पति था। तीनों कन्याओं ने बात माता-पिता को बताई। 
 
एक बार परिमल और नागराज पूरे परिवार के साथ त्रिलोचनेश्वर महादेव का पूजन करने के लिए आए। यहां दोनों परिवारों में शिप्रा द्वारा कन्याओं को दिए वरदान पर चर्चा कर विवाह परिमल के साथ कर दिया। इसके बाद परिमल वहीं रहकर पूजन करने लगा। मान्यता है कि जो भी मनुष्य त्रिलोचनेश्वर महादेव के दर्शन कर पूजन करेगा वह समस्त सुखों का भोग कर अंत काल में परमपद को प्राप्त करेगा।


Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

सितंबर माह के पहले सप्ताह में किसके चमकेंगे सितारे, जानें साप्ताहिक राशिफल 01 से 07 September तक

Anant chaturdashi 2025: अनंत चतुर्दशी के दिन बाजू पर धागा क्यों बांधते हैं?

Chandra grahan sutak kaal 2025: 7 सितंबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण सूतक काल

घर से निकलने से पहले हनुमान चालीसा की इस 1 चौपाई का करें पाठ, बजरंगबली की कृपा से संकट रहेंगे दूर

गणपति की पूजा में कौन-कौन सी वस्तुएं ज़रूरी होती हैं और क्यों?

सभी देखें

धर्म संसार

Lunar Eclipse 2025: खग्रास चंद्र ग्रहण के दिन बचकर रहना होगा 6 राशियों को

Padma ekadashi 2025: परिवर्तिनी पद्मा एकादशी का व्रत रखने का महत्व और फायदे

aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 2 सितंबर, 2025: मंगलवार का पंचांग और शुभ समय

02 September Birthday: आपको 2 सितंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Parivartini Ekadashi 2025 | परिवर्तिनी एकादशी व्रत कब है?