स्मृति शेष : बलिराम भगत

Webdunia
ND
आजीवन किसानों के विकास कार्यक्रमों का नेतृत्व करने वाले और पाँच बार सांसद रहे बलिराम भगत का जन्म पटना में 7 अक्टूबर,1922 को हुआ। वे 1939 से ही बिहार के प्रांतीय छात्र संगठनों से जुड़ गए और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में कॉलेज छोड़कर दो वर्षों तक अज्ञातवास में रहकर राष्ट्रीय चेतना फैलाने में सक्रिय रहे। अंतरिम संसद (1950-52) में सदस्य सहित 1970 तक की लोकसभा के सदस्य रहे। 1954 से 58 तक अनेक शिखर मंडलों के नेता रहे। भगत 1958 से अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सदस्य रहे। नई दिल्ली में आयोजित पहली भारत-रूस वार्ता में 1968 में उन्होंने भारतीय शिष्टमंडल के नेता के रूप में प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने कई मंत्रालय संभाले, जिनमें योजना, वित्त, रक्षा और विदेश मंत्रालय शामिल हैं। संपादक के नाते 1947 में उन्होंने प्रगतिशील हिन्दी साप्ताहिक 'राष्ट्रदूत' आरंभ किया था। 2 जनवरी 2011 को उनका निधन हुआ।
Show comments

जरूर पढ़ें

बांग्लादेश के झूठ की खुली पोल, हिन्दुओं पर हुए 2200 हमले

MPPSC छात्रों का आंदोलन जारी

जया बच्चन का तंज, भाजपा सांसद सारंगी, राजपूत, कोन्याक को ‘अभिनय’ के लिए मिले पुरस्कार

मेरठ में पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा के दौरान टला बड़ा हादसा

सिंधिया के करीबी गोविंद राजपूत पर भूपेंद्र सिंह का हमला

सभी देखें

नवीनतम

क्‍या व्हाइट हाउस में है इमरजेंसी, बाइडेन और कमला हैरिस ने क्‍यों रद्द किया हॉलिडे प्लान

SC ने बढ़ाई NEET-UG एडमिशन की समयसीमा, कहा- मेडिकल सीटें बर्बाद नहीं होनी चाहिए, डॉक्‍टरों की कमी का सामना कर रहा देश

अलीगढ़ में मिला एक और शिव मंदिर, कई वर्ष से था बंद

राहुल ने कहा, निर्दयी न बने सरकार, किसान नेता डल्लेवाल से बात करे

यातायात चालान कानून व्यवस्था को बढ़ावा देते हैं : न्यायमूर्ति मनमोहन