ताजा खबर यह है कि नास्तिकों का सारी दुनिया में घोर दमन किया जा रहा है। जर्मनी की एक गैर सरकारी संस्था के अनुसार कई देशों में नास्तिक लोगों की जान खतरे में है। तथाकथि त धर्म औ र धार्मि क लोगो ं के कानू न के चलते अन्या य भ ी काय म है।
फिल्म 'ओ माई गॉड' के नास्तिक पात्र के लिए दुनिया में कोई जगह नहीं है। यह भी कि 'लाइफ ऑफ पाइ' के उस बच्चे के लिए भी नहीं, जो धर्म को समझने के लिए सभी धर्म का पालन करता है।
जगह है सिर्फ उनके लिए जो कृपा और धर्म का कारोबार कर रहे हैं और जो धर्म की गलत बात को भी धर्म मानते हैं। धर्म के अधर्म के चलते बाबागिरी का धंधा कभी मंदा नहीं रहा। आज भी निर्मल बाबा, पॉल दिनाकरन और राधे मां का शो जारी है ।
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निर्मल बाबा : उत्तर भारत में सिख परिवार में जन्मे निर्मल बाबा इस वर्ष सबसे ज्यादा चर्चा में रहे। अपनी सभाओं में लोगों से 2000 से 2500 रुपए ऐंठने वाले निर्मलजीतसिंह नरुला उर्फ निर्मल बाबा का सितारा इसी साल चमका और डूब गया। देशभर के धार्मिक चैनलों पर निर्मल दरबार लगाकर उन्होंने खूब भ्रम फैलाया।
दसवंद मांगने के चलते बाद में उन पर जहां लोग धोखाधड़ी के आरोप लगाने लगे, वहीं देश के चार स्थानों पर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई। बताया जाता है कि बाबा के दो खातों में करीब 109 करोड़ रुपए जमा हैं।
हालांकि हाई प्रोफाइल निर्मल बाबा के समोसे, चटनी और पानी-पतासे खाने की कृपा का कारोबार अभी भी जारी है।
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पॉल दिनाकरन : दक्षिण भारत में ईसाइयों के धर्म प्रचार इंजीलवादी बाबा केए पॉल उर्फ पॉल दिनाकरन का नाम प्रमुख है। ईसाई धर्म प्रचारक डीजीएस दिनाकरन के पुत्र दिनाकरन पॉल का दावा है कि उन्होंने ईसा मसीह के साक्षात दर्शन किए हैं। पिता की मौत के बाद पॉल ने दक्षिण भारत में धर्म प्रचार के लिए अपनी सभाएं करनी आरंभ कर दी।
पॉल भक्तों को ठगने और धर्मांतरण करने में निर्मल बाबा से 1760 कदम आगे है ं| पॉल बाबा भी प्रीपेड रिचार्ज कार्ड की तरह अपना प्रार्थना पैकेज बेचते हैं। पॉल जिन भक्तों के लिए जीजस से प्रार्थना करते हैं, उनसे प्रार्थना के नाम पर प्रार्थना सभाओं में 3000 रुपए ऐंठते हैं।
पॉल बाबा का सालाना कृपा कारोबार 5 हजार करोड़ से अधिक का टर्नओवर है। पॉल का 24 घंटे का चैनल रेनबो है जिस पर सिर्फ पॉल की कृपा चलती है। पॉल बाबा की प्रार्थना सभाओं का सजीव प्रसारण दुनिया के 9 देशों के चैनलों पर होता है।
पॉल के अलावा ऐसे कई पादरी हैं, जो अंधविश्वास के बल पर लोगों का धर्मांतरण कर रहे हैं उनमें बेनी हिन्न का नाम प्रमुख है। अब तो कुछ ईसाई भगवा चौगा पहनकर भी लूटने लगे हैं।
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राधे मां : सबसे मजेदार बात यह कि मुंबई की एक महिला संत राधे मां के जाल में भी फिल्म और टीवी कलाकारों सहित लाखों लोग फंस गए। लोग फंसे वहां तक ठीक है लेकिन जूना अखाड़ा के साधु-संत भी उनके मोहपाश में अंधे हो गए और उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि से सम्मानित कर दिया।
हालांकि साधु-संतों की आपत्ति के बाद उन्हें महामंडलेश्वर पद से निलंबित कर दिया गया।
सिख परिवार में जन्मी भारी मेकअप और महंगी साड़ी-गहनों से लदी तथाकथित बब्बो ऊर्फ राधे मां नामक इस महिला के दर्शन और आशीर्वाद के लिए लोग अच्छी-खासी कीमत चुकाते हैं।
अपने साथ मेकअप आर्टिस्टों को लेकर चलती राधे मां दुल्हन की तरह सज-संवरकर आती हैं और पूरे समय तक झूमती रहती हैं। उनके भक्त उन्हें देवी दुर्गा का अवतार मानते हैं।
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आसाराम बापू : दूसरी ओर अपने भक्तों के ऊपर टॉफियां फेंककर कृपा बरसाने वाले आसुमल सिरुमलानी उर्फ आसाराम बापू अपने बयान, तांत्रिक कर्म और हरकतों से विवाद में रहे। हालांकि इस साल सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत मिल गई। सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया।
आसाराम बापू पर उनके ही आश्रम में रह रहे दो लड़कों की मौत का आरोप है। इस साल उन्होंने जहां राहुल गांधी को कम बुद्धि वाला बच्चा घोषित कर चर्चा बटोरी वहीं उन्होंने नरेंद्र मोदी को धमकी देकर सनसनी फैलाई।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने उन्हें सोमनाथ में सत्संग करने से रोका तो वे मोदी सरकार को उखाड़ फेकेंगे। हालांकि विवादों के बावजूद बापू का धार्मिक कारोबार और जादू कायम है।
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श्रीश्री रविशंकर : आर्ट ऑफ लिविंग’ के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने मार्च में जयपुर में आयोजित एक समारोह में एक विवादित बयान दिया कि सरकारी स्कूलों के बच्चे हिंसक और नक्सली स्वभाव के होते हैं। सरकारी स्कूलों में बच्चों में आदर्श की कमी है। सरकारी स्कूल बंद कर देने चाहिए।
उनके इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि श्रीश्री रविशंकर मानसिक संतुलन खो चुके हैं। उनके इस बयान पर शिक्षक संघ ने भी आपत्ति दर्ज की। उनके खिलाफ जयपुर में एक इस्तगासा भी दायर किया गया।
उन पर यह भी आरोप लगा कि वे अमरनाथ यात्रा में हुई कटौती का विरोध नहीं कर कश्मीरी अलगाववादियों का साथ दे रहे हैं। दूसरी ओर वे नक्सलियों का भी साथ दे रहे हैं। इसके अलावा इस साल उन पर 50 लाख रुपए की अदायगी के लिए चेक बाउंस का मामला भी दायर किया गया।
हालांकि इस पर ध्यान दिए बिना ही श्रीश्री देश-विदेश की यात्राएं करते रहे। इस बीच उन्होंने कई सम्मान और पुरस्कार बटोरे। इसके अलावा उन्हें पैराग्वे के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
इसके अलावा श्रीश्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए उत्तरप्रदेश में यात्रा भी की। अन्ना हजारे और बाबा रामदेव को समर्थन देकर उनका अनशन तुड़वाने में भी श्रीश्री का योगदान रहा।
आगे पढ़ें, लाइव आंदोलनों में छाएं रहे बाबा रामदेव....
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बाबा रामदेव : अब बात करते हैं रॉबर्ट वाड्रा को राष्ट्रीय दामाद घोषित करने वाले बाबा रामदेव की। कभी कसाब को फांसी देने की मांग को लेकर तो कभी कालेधन को वापस लाने के मुद्दे पर राजनीतिज्ञों के खिलाफ अपने बयान को लेकर चर्चा में रहे बाबा रामदेव टीवी पर छाए रहे।
रामलीला मैदान में पिछले साल तो उनका धमाकेदार अनशन रहा जिसमें उन्हें मंच से भागना पड़ा था लेकिन इस साल उनका अनशन जोर नहीं पकड़ सका। हालांकि उनके आंदोलन को पूरे देश ने लाइव देखा।
सत्याग्रह आंदोलन और संसद मार्च से सरकार की खिलाफत का नजीजा यह निकला कि खाद्य सुरक्षा विभाग ने उनकी आयुर्वेदिक दवाइयों की कंपनियों की जांच कर उन पर मिस ब्रांडिंग मामले में मुकदमा कायम कर दिया। दूसरी ओर उनके पतंजलि योगपीठ और दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट पर केंद्रीय एक्साइज और कस्टम खुफिया महानिदेशालय ने 12 करोड़ रुपए का सेवाकर बकाया निकाल दिया।
इसके अलावा उन पर उनके गुरु को गायब करने का आरोप भी लगाया गया। बाबा रामदेव के गुरु 80 साल के स्वामी शंकरदेव 2007 में हरिद्वार के कनखल आश्रम से रहस्यमय तरीके से गायब हो गए।
ऐसा नहीं है कि सिर्फ हिंदू, सिख और ईसाई धर्म के लोग ही बाबागिरी कर रहे हैं। जैन, बौद्ध और मुस्लिम धर्म में भी बाबागिरी का जोर है। यू-ट्यूब और सोशल नेटवर्किंग पर आपको इनके ढेर सारे उदाहरण मिल जाएंगे।
कुल मिलाकर इस साल भी बाबाओं की बाबागिरी चल ही गई। इस साल भी उन्होंने लोगों को कृपा का प्रसाद देकर खूब प्रसिद्धि और पैसा कमाया।