श्री मुम्बादेवी की आरती (गुजराती)

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जय आद्या शक्ति मां जय आद्या शक्ति,

अखंड ब्रह्मांड निपाव्या अखंड ब्रह्मांड निपाव्या।

पड़वे पंडित मां जयो-जयो मां जगदम्बे।। टेक।

द्वितेयावे स्वरूप शिव-शक्ति जाणु, मां शिवशक्ति,

ब्रह्मा गण‍पति गाए, ब्रह्मा गणपति गाए।

हर गाए हर मां जयो-जयो मां जगदम्बे।

बीज तृतीया रूप त्रिभुवनमां बैठा मां त्रिभुवन।

दया थकी त्रिवेणी, दया थकी त्रिवेणी,

तू त्रिवेणी मां जयो-जयो मां जगदम्बे।

चौथे चतुरा महालक्ष्मी मां सचराचर बाख्या,

मां सचराचर बाख्या।

चार भुजा चौदिशा चार भुजा चौदिशा,

प्रगट्‍या दक्षिण, मां जयो-जयो मां जगदम्बे।

पंचमी पंच रूपी पंचमी गुण पद्मा मां पंचमी।

पंच तत्व त्यां सोहिए पंच तत्व क्यां सोहिए।

पंचि तत्वों मां, जयो-जयो मां जगदम्बे।

षष्टि तू नारायणी महिषासुर मारयो।

मां महिषासुर मारयो, नर नारीना नर नारीना रूपे,

बाख्या-सर्वे मां, जयो-जयो मां जगदम्बे।

 

 

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