गोपाल स्तुति : नमो विश्वस्वरूपाय...

Webdunia
नमो विश्वस्वरूपाय विश्वस्थित्यन्तहेतवे।
 
विश्वेश्वराय विश्वाय गोविन्दाय नमो नमः॥1॥
 

नमो विज्ञानरूपाय परमानन्दरूपिणे।
 
कृष्णाय गोपीनाथाय गोविन्दाय नमो नमः॥2॥
 
 
नमः कमलनेत्राय नमः कमलमालिने।
 
नमः कमलनाभाय कमलापतये नमः॥3॥
 
 
बर्हापीडाभिरामाय रामायाकुण्ठमेधसे।
 
रमामानसहंसाय गोविन्दाय नमो नमः॥4॥
 
 
कंसवशविनाशाय केशिचाणूरघातिने।
 
कालिन्दीकूललीलाय लोलकुण्डलधारिणे॥5॥
 
 
वृषभध्वज-वन्द्याय पार्थसारथये नमः।
 
वेणुवादनशीलाय गोपालायाहिमर्दिने॥6॥
 
 
बल्लवीवदनाम्भोजमालिने नृत्यशालिने।
 
नमः प्रणतपालाय श्रीकृष्णाय नमो नमः॥7॥
 
 
नमः पापप्रणाशाय गोवर्धनधराय च।
 
पूतनाजीवितान्ताय तृणावर्तासुहारिणे॥8॥
 
 
निष्कलाय विमोहाय शुद्धायाशुद्धवैरिणे।
 
अद्वितीयाय महते श्रीकृष्णाय नमो नमः॥9॥
 
 
प्रसीद परमानन्द प्रसीद परमेश्वर।
 
आधि-व्याधि-भुजंगेन दष्ट मामुद्धर प्रभो॥10॥
 
 
श्रीकृष्ण रुक्मिणीकान्त गोपीजनमनोहर।
 
संसारसागरे मग्नं मामुद्धर जगद्गुरो॥11॥
 
 
केशव क्लेशहरण नारायण जनार्दन।
 
गोविन्द परमानन्द मां समुद्धर माधव॥12॥
 
॥ इत्याथर्वणे गोपालतापिन्युपनिषदन्तर्गता गोपालस्तुति समाप्त ॥
 
Show comments

क्या कर्मों का फल इसी जन्म में मिलता है या अगले जन्म में?

वैशाख अमावस्या का पौराणिक महत्व क्या है?

शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में होंगे वक्री, इन राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

धरती पर कब आएगा सौर तूफान, हो सकते हैं 10 बड़े भयानक नुकसान

घर के पूजा घर में सुबह और शाम को कितने बजे तक दीया जलाना चाहिए?

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Varuthini ekadashi 2024: वरुथिनी व्रत का क्या होता है अर्थ और क्या है महत्व

अगला लेख