मनचाहा वर देता है मंगला गौरी स्तोत्रं...

Webdunia
ॐ रक्ष-रक्ष जगन्माते देवि मङ्गल चण्डिके।
हारिके विपदार्राशे हर्षमंगल कारिके।।
 
हर्षमंगल दक्षे च हर्षमंगल दायिके।
शुभेमंगल दक्षे च शुभेमंगल चंडिके।।
 
मंगले मंगलार्हे च सर्वमंगल मंगले।
सता मंगल दे देवि सर्वेषां मंगलालये।।
 
पूज्ये मंगलवारे च मंगलाभिष्ट देवते।
पूज्ये मंगल भूपस्य मनुवंशस्य संततम्।।
 
मंगला धिस्ठात देवि मंगलाञ्च मंगले।
संसार मंगलाधारे पारे च सर्वकर्मणाम्।।
 
देव्याश्च मंगलंस्तोत्रं यः श्रृणोति समाहितः।
प्रति मंगलवारे च पूज्ये मंगल सुख-प्रदे।।
 
तन्मंगलं भवेतस्य न भवेन्तद्-मंगलम्।
वर्धते पुत्र-पौत्रश्च मंगलञ्च दिने-दिने।।
 
मामरक्ष रक्ष-रक्ष ॐ मंगल मंगले।
 
।।इति मंगलागौरी स्तोत्रं सम्पूर्णं।।
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

वरलक्ष्मी व्रत 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

भाई के कौन से हाथ में बांधना चाहिए राखी?

क्या इस बार 2 दिन बंधेगी राखी? जानें कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन का शुभ पर्व

रक्षा बंधन पर राखी बांधने का मंत्र और ऐतिहासिक महत्व

रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं: अपने प्रिय भाई या बहन को भेजें दिल को छू लेने वाले ये 10 यूनिसेक्स मैसेज

सभी देखें

धर्म संसार

इन लोगों को भूल कर भी नहीं बांधनी चाहिए राखी, जानें रक्षाबंधन के नियम

रक्षाबंधन पर भाई को राखी बांधते समय कितनी गांठें लगाना होता है शुभ? जानें धार्मिक महत्व

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त कब से कब तक है?

Hindi Panchang Muhurat 2025: 11 से 17 अगस्त का साप्ताहिक पंचांग, जानें नए सप्ताह के शुभ मुहूर्त

रक्षा बंधन पर राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त और मंत्र

अगला लेख