दुर्गा वंदना पर हाइकू रचना...

सुशील कुमार शर्मा
हाइकू 33
 

 
 
हे शैल सुता
महिषासुर घाती
तुम्हें प्रणाम।
 
विश्व धारणी
माता ब्रम्हचारिणी
नमस्करोमि।
 
गिरिनंदिनि
भवानी चन्द्रघंटा
श्रितरजनी।
 
कोमल कांति
शुम्भासुर घातनी
जय कुष्मांडा।
 
हे आद्यशक्ति
सर्वयोग सम्भुते
स्कंधमाते।
 
महाकालिकां
सिंहस्कन्धाधिरूढं
हे कात्यायनी।
 
ॐ कालाभ्राभां
मौलीबंद्देन्धु रेखां
मां कालरात्रि।
 
मधुमर्दिनी
शशिशकलधरां
हे महागौरी।
 
मां सिद्धिदात्री
विद्युतसमप्रभां
सृष्टि रूपाय।
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