श्री शिवाष्टक स्तोत्र

रूद्राष्टकम

WD Feature Desk
प्रस्तुत प्रस्तुत है परम कल्याणकारी रूद्राष्टक स्तोत्र। यह लयात्मक स्तोत्र बहुत थोड़े समय में कंठस्थ हो जाता है और कुछ न करके यदि साधक भगवान शिव का ध्यान करते हुए केवल इस स्तोत्र का ही श्रद्धापूर्वक पाठ करे, तो वह शिवजी का कृपापात्र हो जाता है। यह रूद्राष्टक बहुत प्रसिद्ध और त्वरित फलदायी है। 
 
परम कल्याणकारी रूद्राष्टक स्तोत्र
 
ॐ नमः शिवाय: 
 
नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम्‌ ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम्‌ ॥
 
निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम्‌ ।
करालं महाकाल कालं कृपालुं, गुणागार संसार पारं नतोऽहम्‌ ॥
 
तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं, मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम्‌ ।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा, लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥
 
चलत्कुण्डलं शुभ्र नेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्‌ ।
मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥
 
प्रचण्डं प्रकष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम्‌ ।
त्रयशूल निर्मूलनं शूल पाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भाव गम्यम्‌ ॥
 
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी, सदा सच्चिनान्द दाता पुरारी।
चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी, प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥
 
न यावद् उमानाथ पादारविन्दं, भजन्तीह लोके परे वा नराणाम्‌ ।
न तावद् सुखं शांति सन्ताप नाशं, प्रसीद प्रभो सर्वं भूताधि वासं ॥
 
न जानामि योगं जपं नैव पूजा, न तोऽहम्‌ सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम्‌ ।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं, प्रभोपाहि आपन्नामामीश शम्भो ॥
 
रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये
ये पठन्ति नरा भक्तयां तेषां शंभो प्रसीदति।। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लेफ्ट या राइट, नंदी के किस कान में बोलने से पूरी होती है हमारी इच्छा?

मंगल के कन्या में गोचर से 4 राशियों को मिल सकता है अचानक से धन

मंगल का कन्या राशि में गोचर, शनि से होगी टक्कर, बचकर रहें ये 4 राशियां

12 ज्योतिर्लिंग में से सबसे खास ज्योतिर्लिंग कौन-सा है?

हरियाली तीज का व्रत कब रखा जाएगा, पूजा का समय क्या है?

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: 27 जुलाई का राशिफल, आज इन 3 राशियों का बनेगा मनचाहा काम, पढ़ें अपनी राशि

27 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

27 जुलाई 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

क्यों बजाते है शिवलिंग के सामने 3 बार ताली, जानिए हर ताली के पीछे का अर्थ

जीवन में ये घटनाएं देती हैं काल सर्पदोष के संकेत, जानिए कारण और अचूक उपाय

अगला लेख