अक्षय तृतीया के दिन ये 4 काम करें, दुर्भाग्य का होगा अंत, भाग्योदय होगा तुरंत

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जिन जातकों की जन्मपत्रिका में 'पितृ-दोष' है वे 'अक्षय-तृतीया' के दिन प्रात:काल किसी स्वच्छ स्थान या मन्दिर में लगे पीपल के ऊपर अपने पितृगणों के निमित्त घर का बना मिष्ठान व एक मटकी में शुद्ध जल रखें। पीपल के नीचे धूप-दीप प्रज्ज्वलित कर अपने पितृगणों की संतुष्टि के लिए प्रार्थना करें।

तत्पश्चात् बिना पीछे देखे सीधे अपने घर लौट आएं, ध्यान रखें इस प्रयोग को करते समय अन्य किसी व्यक्ति की दृष्टि ना पड़ें। इस प्रयोग को करने से पितृगण शीघ्र ही संतुष्ट होकर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। अन्य उपाय...
 
1. सुख शांति : 11 गोमती चक्रों को लाल रेशमी वस्त्र में बांधकर चांदी की डिब्बी में रखकर पूजा स्थान में रखने से घर में सदैव सुख-शांति का वातावरण बना रहता है।
 
2. व्यापारिक लाभ : 27 गोमती चक्रों को पीले या लाल रेशमी वस्त्र में बांधकर अपने प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर बांधने से व्यापार में आशातीत लाभ होता है।
 
3. कर्मक्षेत्र : यदि कर्मक्षेत्र में बाधाएं आ रही हों या पदोन्नति में रुकावट हो तो 'अक्षय-तृतीया' के दिन शिवालय में शिवलिंग पर 13 गोमती चक्र अपनी मनोकामना का स्मरण करते हुए अर्पित करने लाभ होता है।
 
4. भाग्योदय : भाग्योदय हेतु 'अक्षय-तृतीया' के दिन प्रात:काल उठते ही सर्वप्रथम 11 गोमती चक्रों को पीसकर उनका चूर्ण बना लें, फिर इस चूर्ण को अपने घर के मुख्य द्वार के सामने अपने ईष्ट देव का स्मरण करते हुए बिखेर दें। इस प्रयोग से कुछ ही दिनों में साधक का दुर्भाग्य समाप्त होकर भाग्योदय होता है।

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