पृथ्वी के नजदीक दिखा बृहस्पति

सोमवार आधी रात को दिखा गुरु

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सोमवार को रायपुर में आधी रात लोगों को धरती के सबसे नजदीक बृहस्पति ग्रह का दीदार हुआ। जीवन में मात्र एक बार दिखने की बात फैलाने से व्यग्रता बढ़ गई थी। इस नजारे को देखने की उत्सुकता लिए लोगों को बदली ने खासा इंतजार कराया।

गुरु ग्रह को देखने भौतिकी के विद्यार्थी और जागरुक शहरवासी टकटकी लगाए देखते रहे, किन्तु बादल में छिपे बृहस्पति दिन में नजर नहीं आए। गणेश पर्व का माहौल देर रात तक चलने के कारण अन्य लोगों ने भी इसमें दिलचस्पी ली। हालाँकि ज्योतिष कहते हैं कि एक माह तक यह पूर्व व दक्षिण-पूर्व दिशा में देखा जा सकेगा।

अब 2022 में दिखाई देगा : वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आकाशमंडल में ऐसी घटनाएँ बरसों बाद दिखाई देती हैं, जो वैज्ञानिकों के लिए शोध का विषय होती हैं। रविशंकर विश्वविद्यालय में भौतिक विभाग के व्याख्याता नंदकुमार चक्रधारी ने इस खगोलीय घटना के बारे में बताया कि सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं। सूर्य की परिक्रमा करने में पृथ्वी को एक साल लगता है, वहीं बृहस्पति को 12 साल लगते हैं। सभी ग्रह गोल परिक्रमा नहीं करके वलयाकार परिक्रमा करते हैं।

सोमवार की रात को सूर्य व बृहस्पति के बीच पृथ्वी ने स्थान बनाया। इसलिए पृथ्वी के एकदम नजदीक बृहस्पति ग्रह दिखाई दिया। भले ही रायपुर में यह ठीक से न देखा गया हो, पर अन्य जगहों पर दिखाई दिया। यह नजारा इससे पूर्व 1963 में देखा गया था। अब ऐसा नजारा 2022 में देखने को मिलेगा। अभी बृहस्पति ग्रह पृथ्वी के नजदीक था, अब मार्च 2011 में सूर्य के नजदीक दिखाई देगा।

ज्योतिष की दृष्टि से लाभ-हानि दोनों :
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धरती के सबसे करीब बृहस्पति ग्रह का होना ज्योतिष दृष्टि से फलदायी है। इस संबंध में ज्योतिषी दत्तात्रेय होसकेरे कहते हैं कि इस वक्त बृहस्पति धरती से 37 करोड़ मील की दूरी पर है। यह नजारा एक माह तक पूर्व व दक्षिण-पूर्व दिशा के बीच रात्रि में देखा जा सकेगा।

वे कहते हैं कि जब भी गुरु गोचर में मीन राशि में होता है, तो वह पॉवरफुल होता है। गुरु वर्तमान में मीन राशि में विद्यमान है। गुरु की प्रधान राशि धनु सप्तम स्थान पर है। इसलिए साझेदारी में कार्य करने वालों के बीच प्रगाढ़ता बनने की ज्यादा संभावना है। साथ ही सोने, मेटल व शेयर से संबंधित कार्य करने वालों को लाभ होगा। मीन, तुला, कर्क व सिंह राशि के नौकरी पेशा लोगों को प्रमोशन मिलेगा।

चूँकि आने वाले समय में धनु के सप्तम भाव में राहु भी बैठा है और गुरु प्रधान में राहु का बैठना गुरु चांडाल योग बनाता है। इसलिए मेदिनी के हिसाब से भारत के सीमावर्ती देश भारत को परेशान करने की कोशिश करेंगे। साथ ही आंतरिक विवादग्रस्त समस्याओं का समाधान होने की संभावना प्रबल है।

बृहस्पति के नजदीक होने का छत्तीसगढ़ में प्रभाव पर होसकेरे कहते हैं कि चूँकि छत्तीसगढ़ की राशि धनु है और गुरु, धनु का स्वामी है। इससे प्रशासनिक फेरबदल होगा। गुरु के नजदीक आने से ओवर कॉन्फीडेंस भी होता है। सूर्य व शनि, कन्या राशि में बैठे हैं, ऐसी परिस्थिति में बृहस्पति के नजदीक आने से इस माह नक्सली हमले की संभावना भी है।

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