इस बार शनि जयंती बुधवार, 28 मई 2014 को पड़ रही है। माह ज्येष्ठ तथा तिथि अमावस्या है। शनिदेव को भगवान आशुतोष शिव ने दंडाधिकारी नियुक्त किया है। वे मनुष्यों के कर्मों का फल, दशा, अंतरदशा, साढ़े साती के रूप में देते हैं। अशुभ शनि जिन जातकों की पत्रिका में होता है, उन्हें इनके द्वारा प्रदत्त कष्टों से छुटकारे के लिए निम्नलिखित उपायों में से कुछ करना चाहिए - (1)
शनि मंत्रों का जाप सबसे सटीक उपाय है - (
अ) 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:।' (
ब) 'ॐ शं शनये नम:।' इनका जप लगातार किया जा सकता है तथा शनै:-शनै: कष्टों से राहत पाई जा सकती है।
(2) तीन काले कुत्तों को तेल लगाकर रोटी खिलाएं।
(3) काले कपड़े में काली तिल, लोहे की 11 कीलें, लकड़ी के पक्के कोयले बांधकर तथा पानी वाले 11 नारियल अपने पर से उतारकर पूर्व की ओर मुंह करके शनिदेव से प्रार्थना कर बहते पानी में बहा दें।
(4) शनिवार का व्रत शनि जयंती से प्रारंभ कर शनिदेव की कथा सुनें या पढ़ें।
(5) बड़ के वृक्ष में, जो पश्चिम दिशा में स्थित हो, गौदुग्ध डालकर उससे भीगी मिट्टी से नित्य तिलक करें तथा सप्त धान्य दान करें।
(6) बहते जल में शराब बहाएं तथा स्वयं शराब न पिएं।
(7) शनि की दशा-साढ़े साती इत्यादि में कोई भी अनैतिक कार्य न करें।