( राशि के आद्याक्षर - म, मा, मी, मू, मे, मो, मौ, मं, ट, टा, टी, टू, टो)
आपकी जन्मकुंडली में चंद्रमा 5 अंक के साथ लिखा होने से ही आपकी जन्मराशि सिंह मानी जाती है। राशि चक्र में इसका पाँचवाँ स्थान है। इस राशि का स्वामी या मालिक ग्रह सूर्य है। इसलिए इस राशि पर हमेशा सूर्य का प्रभाव बना रहता है।
ईमानदारी व न्यायप्रियता इनके विशेष गुण माने जाते हैं। ज्यादा काम पसंद करते हैं, किन्तु ज्यादा बोलना नहीं। दूसरों के समक्ष हाथ फैलाना घृणास्पद मानते हैं। जीवन में चाहे कैसी भी परिस्थिति हो, उसमें ही सम्मान व संतोषपूर्वक रहते हैं। वचन के पक्के होते हैं।
मित्र से मित्रता व शत्रु से शत्रुता का व्यवहार करते हैं, अर्थात जैसे को तैसा की उचित ही उनका सिद्धांत रहता है। यदि कोई व्यक्ति इनसे चालबाजी करता है, ये बड़े क्रोधित हो जाते हैं। स्वतंत्र रहना ही प्रिय होगा। चापलूसी करना पसंद नहीं रहता। अपनी योग्यता के बल पर ही राजनीति में या सामाजिक कार्यों में ऊँचे उठ सकते हैं।
ये हमेशा निष्कपट व निर्मल अंतःकरण के रहते हैं। किसी भी बात को गोपनीय रखना इनके लिए काफी मुश्किल होता है। बड़ों का सम्मान करते हैं। यदि कोई भी काम उनके सुपुर्द कर दिया जाए तो उसे अच्छी तरह करके दिखाते हैं। अरुचिपूर्ण बात सुनने पर शीघ्र ही उदास हो जाते हैं। जिस मकान में धूप आती हो, वह मकान इनके लिए लाभदायक रहेगा। यह राशि सात्विक लक्षण की होती है। चंद्रमा यदि आपकी कुंडली में 1, 3, 5, 9, 10, 11वें स्थानों में पड़ा हो तो आप हमेशा सुखी बने रहेंगे।