चेहरे की झाइयां : संभव है उपचार

डॉ. अनिल दशोरे

Webdunia
झाइयां एक ऐसी अवस्था है जिसमें चेहरे पर भूरे व काले रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। यह दोनों गालों से शुरू होकर, बाद में बटर फ्लॉय शेप में होने लगते हैं। कभी-कभी यह नाक और आंख के ऊपरी हिस्से (भौंहे) में भी होते हैं।

FILE


प्रकार...

पिगमेंटेशन कितनी गहराई तक है, उसके अनुसार झाइयों को चार भागों में विभाजित किया गया है -

एपीडर्मल झाइयां : इस अवस्था में केवल ऊपरी सतह ही प्रभावित होती है। इस तरह की झाइयों को ठीक करना आसान होता है।

डर्मल झाइयां : इसमें पिगमेंटेशन त्वचा की गहराई तक होता है। इसका ट्रीटमेंट कठिन होता है।

मिश्रित : इस तरह की झाइयों का ट्रीटमेंट काफी कठिन होता है। इसमें लेज़र और पील उपचार आदि को संयुक्त रूप में दिया जाता है।

अस्पष्ट झाइयां : इस तरह की झाइयां बहुत गहरे रंग की त्वचा में पाई जाती हैं। ऐसी अवस्था में त्वचा की स्थिति के बारे में जानना आसान नहीं होता।

कारण...

हार्मोनल असंतुलन : यह झाइयों का मुख्य कारण होता है। गर्भधारण करने की स्थिति में हो सकता है या गर्भ निरोधक गोलियां लंबे समय तक लेने से हो सकता है।

अनुवांशिक कारणों से। धूप की किरणों से बचाव न करने की वजह से।

कुछ कॉस्मेटिक उत्पाद जिनसे एलर्जी होने के बाद भी उपयोग करने के कारण।

झाइयां थायरॉइड बीमारी के मरीजों में भी देखी जा सकती है।

रजोनिवृत्ति के समय बढ़ जाती हैं।


FILE


उपचार...

हार्मोनल असंतुलन होने की वजह से झाइयों का उपचार करना कठिन होता है। सही ढंग से उपचार कराने पर यह ठीक हो जाती है।

गोरेपन की क्रीम...

झाइयां दूर करने के लिए हायड्रोक्विनोन, ट्रेटिनोइन, रेटिनॉइड्स, कोजिक एसिड और विटामिन-सी आदि कई तरह की क्रीम्स का त्वचा की प्रकार व पिगमेंटेशन के अनुसार उपयोग किया जाता है।

लेज़र उपचार...

लेज़र उपचार से भी काफी मदद मिलती है। लेसर में क्यू-स्विच्ड लेज़र का उपयोग करते हैं जिससे मिलेनोसाइट कम हो जाते हैं। यह उपचार लेने के लिए कई बार क्लिनिक पर जाना पड़ता है यानी यह कई सीटिंग्स में किया जाता है। ये सीटिंग्स महीने में एक बार होती हैं।

केमिकल पील उपचार...

इसमें ग्लाइकोपील, टीसीए पील, मेंडेलिक एसिड पील आदि विभिन्न पील का उपयोग होता है। पील उपचार के लिए कई सीटिंग होती हैं, इनमें 10 दिनों का अंतराल होता है।

डर्माब्रेशन...

इसमें त्वचा की ऊपरी सतह निकल जाती है, जिससे दा़ग़-धब्बे कम होते हैं। केमिकल पील और डर्माब्रेशन आदि उपचार के बाद त्वचा पर लगाई जाने वाली दवाएं ज़्यादा असरकारी होती हैं।

वेबदुनिया पर पढ़ें

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

गर्भवती महिलाओं को क्यों नहीं खाना चाहिए बैंगन? जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

हल्दी वाला दूध या इसका पानी, क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?

ज़रा में फूल जाती है सांस? डाइट में शामिल ये 5 हेल्दी फूड

गर्मियों में तरबूज या खरबूजा क्या खाना है ज्यादा फायदेमंद?

पीरियड्स से 1 हफ्ते पहले डाइट में शामिल करें ये हेल्दी फूड, मुश्किल दिनों से मिलेगी राहत

सभी देखें

नवीनतम

क्या पीरियड्स के दौरान महिलाएं खा सकती हैं आम?

पीसीओएस की वजह से कंसीव करने में हो रही है दिक्कत तो आजमाएँ ये टिप्स

World Bee Day : विश्व मधुमक्खी दिवस, जानें इतिहास और रोचक तथ्य

क्या है कुंजल क्रिया? जानें इसके 10 बेहतरीन फायदे

मेडिटेशन करते समय भटकता है ध्यान? इन 9 टिप्स की मदद से करें फोकस