एन.एन. सिप्पी : सफल निर्माता और वितरक

जन्मदिवस 27 जून पर विशेष

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फिल्म वितरण से निर्माण के क्षेत्र में आए एन. एन. सिप्पी हिंदी सिनेमा के प्रमुख फिल्मकारों में से एक थे, जिन्होंने गुमनाम, कालीचरण, सरगम, चोर मचाए शोर और फकीरा जैसी लोकप्रिय फिल्में बनाईं एवं लंबे समय तक वितरकों के एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे।

सिप्पी विभाजन के पहले ही पाकिस्तान के सिंध से मुंबई आ गए थे और धीरे-धीरे फिल्मों की ओर आकर्षित हुए। शुरुआत उन्होंने फिल्मों के वितरण से की और बाद में वे सफल फिल्मकार बन गए। हालाँकि वे बाद में भी वितरण से जुड़े रहे और प्रमुख वितरक बने।

फिल्म निर्माण के बावजूद सिप्पी वितरकों के एसोसिएशन से लंबे समय तक जुड़े रहे और उन्हें अलग पहचान दिलाई। फिल्म गुमनाम और वो कौन थी ने उन्हें बतौर निर्माता सिने जगत में स्थापित कर दिया। इसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक मनोरंजक फिल्में बनाईं।
गुमनाम का निर्देशन जहाँ राजा नवाथे ने किया था वहीं राज खोसला ने वो कौन थी फिल्म का निर्देशन किया। दोनों फिल्में ट्रेंडसेटर साबित हुईं। बाद में उन्होंने चोर मचाए शोर और फकीरा जैसी फिल्में बनाई। इन दोनों फिल्मों से अभिनेता शशि कपूर के फिल्मी करियर को नई गति मिली।

एन. एन. सिप्पी को दक्षिण भारत के मशहूर निर्देशक के. विश्वनाथ को हिंदी फिल्म जगत में लाने का श्रेय हासिल है। विश्वनाथ ने उनकी फिल्म सरगम का निर्देशन किया, जिसमें ऋषि कपूर और जया प्रदा ने बेहतरीन अभिनय किया। यह फिल्म भी काफी सफल रही और इसके अधिकतर गीत बेहत पसंद किए गए।

सुभाष घई को निर्देशक बनाने में भी सिप्पी की अहम भूमिका रही। घई ने बतौर निर्देशक पारी शुरू करते हुए कालीचरण बनाई, जिसमें शत्रुघ्न सिन्हा प्रमुख भूमिका में थे। यह फिल्म बेहद सफल रही।

इसके बाद घई ने सिप्पी की एक और फिल्म विश्वनाथ का निर्देशन किया। इसमें भी शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रमुख भूमिका निभाई। घई और सिप्पी का साथ आगे भी जारी रहा और घई ने सिप्पी की फिल्म मेरी जंग का निर्देशन किया। इस फिल्म में अनिल कपूर प्रमुख भूमिका में थे।

बाद में सिप्पी ने फिल्म निर्माण की जिम्मेदारी अपने पुत्र को सौंप दी लेकिन वे फिल्म वितरण से जुड़े रहे। सिप्पी ने घर, तीसरा कौन, आज का गुंडाराज आदि फिल्में भी बनाईं। सिप्पी का सात नवंबर 2006 को मुंबई में निधन हो गया।

( भाषा)


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