आसान नहीं है चिदंबरम की राह

निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत

Webdunia
- कमल शर्म ा
वित्‍तमंत्री पी. चिदम्‍बरम के लिए वित्‍त वर्ष 2008-09 के लिए आम बजट पेश करना काफी चुनौती भरा है। आठ राज्‍यों में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव का ख्‍याल रखते हुए मुद्रास्‍फीति पर काबू एवं नौ फीसदी की विकास दर को बनाए रखना उनके लिए खास चुनौतियाँ हैं।

मतदाताओं को लुभाने के लिए इस बजट प्रयास में अनेक ऐसी नकारात्‍मक घोषणाएँ भी आ सकती हैं जिनसे बाजार का मूड बिगड़ सकता है। ऐसे में निवेशक यह साफ जान लें कि शेयर बाजार इस सप्‍ताह एक तरफा चाल नहीं चलेगा।

बजट के साथ डेरीवेटिव्‍ज सैटलमेंट का सप्‍ताह होने से शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। ऐसे में निवेशक काफी सावधानी से कारोबार करें। शेयर बाजार को सिक्‍युरिटीज ट्रांजेक्‍शन टैक्‍स, आयकर, कैपिटल गेन्‍स टैक्‍स में राहत, लाभांश कर संबंधी प्रावधान और विदेशी संस्‍थागत निवेशकों के संबंध में होने वाली घोषणाओं का इंतजार है।

वित्‍त वर्ष 2008-09 के आम बजट में विभिन्‍न उद्योगों के संबंध में हम बात करें तो बैंकिंग उद्योग के लिए अगला बजट सकारात्‍मक आने की संभावना है। पाँच वर्ष के लिए रखी गई मियादी जमा की राशि आयकर 80-सी के तहत आती है जिसे अब घटाकर तीन वर्ष के लिए किया जा सकता है।

इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए फिर से सेक्‍शन दस (23-जी) आयकर 1961 फिर से लागू की जा सकती है। इसका बैंकिंग क्षेत्र को काफी लाभ होगा। बैंकिंग क्षेत्र में जिन शेयरों पर नजर रखी जा सकती है, उनमें एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और सिटी यूनियन बैंक मुख्‍य है।

एफएमसीजी क्षेत्र के लिए भी बजट सकारात्‍मक रह सकता है। मौजूदा तीन फीसदी सीएसटी को एक फीसदी या समाप्ति की जा सकती है। यदि इसे समाप्‍त किया जाता है तो वैट जो इस समय 12.5 फीसदी को चार फीसदी के साथ अथवा पूरी तरह खत्‍म, लागू किया जा सकता है। इस क्षेत्र में कोलगेट, ब्रिटानिया और नेस्‍ले इंडिया के शेयरों पर नजर रखनी चाहिए।

सीमेंट उद्योग के लिए अगले बजट में कोयला और पेट कोक पर पाँच फीसदी आयात शुल्‍क खत्‍म भी कर दिया जाए तो खास फायदा नहीं होगा। सीवीडी और एसएडी न होने और उत्‍पाद शुल्‍क में कोई परिवर्तन न होने की संभावना को देखते हुए सीमेंट उद्योग के लिए यह बजट नकारात्‍मक रहेगा। यह नकारात्‍मक असर अंबुजा सीमेंट, सागर सीमेंट, श्री सीमेंट और आंध्र सीमेंट पर अधिक दिख सकता है।

पूँजीगत वस्‍तुओं यानी कैपिटल गुड्स उद्योग के लिए अगला बजट निश्चित रूप से सकारात्‍मक रहेगा। बिजली उपकरणों और औद्योगिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर आधारित एयर कंडीशन पर उत्‍पाद शुल्‍क में 50 फीसदी की कमी यानी 16 फीसदी से आठ फीसदी शुल्‍क करने की पूरी संभावना है। प्रोजेक्‍ट आयात पर लागू 7.5 फीसदी सीमा शुल्‍क को अभी एक साल और बने रहने देने के आसार हैं। इस क्षेत्र में हिंदुस्‍तान डोर ऑलीवर, भेल और वोलटैम्‍प ट्रांसफार्मर के शेयरों पर मुख्‍य रूप से नजर रखी जा सकती है।

ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए अगला बजट सकारात्‍मक रह सकता है। एसयूवी, बड़ी कार, छोटी कार, दुपहिया वाहन सभी का उत्‍पाद शुल्‍क 33 फीसदी घटने के आसार हैं। साथ ही आयात शुल्‍क में कमी की संभावना नहीं है। यह बात ऑटोमोबाइल सेक्‍टर के लिए फायदेमंद होगी। टेल्‍को, मारुति सुजुकी, बजाज ऑटो और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों पर नजर रखनी चाहिए।

कंसट्रक्‍शन और इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर क्षेत्र के लिए बजट सकारात्‍मक रहने के आसार हैं। आम बजट में सड़क निर्माण के लिए बड़ी राशि आवंटित होने की आस है। साथ ही किसानों के लिए सिंचाई और आवास परियोजनाओं के लिए सीधे विदेशी निवेश में आकर्षक छूट मिलने के आसार हैं। जैन इरिगेशन, पुंज लायड, जीएमआर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर जैसे शेयरों की हलचल पर नजर रखनी चाहिए।

फर्टिलाइजर के लिए तो बजट बेशक अच्‍छा ही रहेगा क्‍योंकि यह चुनाव का वर्ष है और किसानों के वोटों के लिए सरकार इस सैक्‍टर के लिए नेगेटिव घोषणा नहीं करना चाहेगी। ओसवाल कैमिकल एंड फर्टिलाइजर, जीएनएफसी, जुआरी इंडस्‍ट्रीज पर नजर रखी जा सकती है।

हाउसिंग क्षेत्र के लिए सरकार बजट में कोई भी नकारात्‍मक घोषणा कर मध्‍यम और निचले वर्ग को नाराज नहीं करना चाहेगी। आवास कर्ज पर ब्‍याज में मिलने वाली आयकर राहत और ब्‍याज दर संबंधी छूट बढ़ने की घोषणा के आसार हैं। साथ ही एनबीएफसी जमा में एक लाख रुपए पर आयकर में राहत बढ़ने की भी आस है। एलआईसी हाउसिंग और जीआईसी हाउसिंग इस क्षेत्र के बेहतर शेयर हैं।

•य‍ह लेखक की निजी राय है। किसी भी प्रकार की जोखिम की जवाबदारी वेबदुनिया की नहीं होगी।

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