कामयाबी का महिला मंत्र

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- रेवा जगमोहन

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लड़कि‍या ँ सॉफ् ट हार्टे ड भल े ह ी हो ं लेकि‍ न व े अपन े इरादो ं क ी भ ी पक्‍क ी होत ी हैं । ए क बा र अग र कु छ करन े क ी ठा न ले ं त ो उनक े लि‍ ए कुछ भी मुश्किल नहीं है। ए क महि‍ल ा अपनी संवेदनाओं के जरिए न केवल 'सर्वश्रेष्ठ कृति' का निर्माण करती है बल्‍कि‍ उन्हीं संवेदनाओं, भावनाओं, अहसासों और फिक्र के जरिए ही वह हर क्षेत्र में कामयाब हो सकती है।

अगर आप पुरूषों के कार्यक्षेत्र में पदार्पण कर रही हैं तो जरूरी नहीं कि उन्हीं के नक्शे-कदम पर चलें, वैसा ही आचरण करें। आप अपने व्यक्तित्व के अनुरूप व्यवहार कर अपने स्त्रियोचित गुणों का इस्तेमाल कर भी बेहतर कार्य कर सकती हैं।

आज समाज में महिलाओं की स्थिति में काफी बदलाव आ गया है, अब वे पढ़-लिखकर अपनी पहचान बनाने को आतुर हैं। शिक्षक और डॉक्टर जैसे सुरक्षित समझे जाने वाले पदों के अलावा वे व्यापार में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। जिन पारंपरिक व्यापार-व्यवसायों में अब तक पुरुषों का वर्चस्व माना जाता था, उनमें भी उनका आना प्रारंभ हो गया है।

आमतौर पर चूँकि व्यापार-व्यवसाय को पुरुषों का कार्य-क्षेत्र माना गया है, अतः समझा जाता है कि इस क्षेत्र में सफल होने के लिए आपमें पुरुष-सुलभ गुण होना जरूरी हैं। लेकिन अब मार्केटिंग के जानकारों ने सिद्ध कर दिया है कि महिलाओं के प्रकृति-प्रदत्त गुण बिजनेस में सफलता दिलाने में भी कारगर होते हैं। अतः यदि आप भी कोई बिजनेस शुरू करने जा रही हैं, तो अपने स्त्री-सुलभ गुणों को दबाए नहीं, बल्कि उन्हें सफलता की सीढ़ी बनाएँ। आइए, जानते हैं कैसेः

केयरिंग नेचर
अपनों की परवाह करने का गुण महिलाओं में ईश्वर प्रदत्त है। तो बस, आप अपने शेयर होल्डर्स, साझेदारों और ग्राहकों की भी इसी भाँति परवाह करें। इनके प्रति लापरवाह रहकर कोई बिजनेस सफल नहीं हो सकता।

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पेशेंस
महिलाएँ धैर्यवान होती हैं, तभी वे माँ बनने के पहले नौ माह का लंबा समय आसानी से गुजार देती हैं। इसी तरह व्यापार में भी आप धैर्य से काम लें, अपने संगठन को भली-भाँति समझें। यह कदापि न सोचें कि धैर्य से काम लेंगे तो काम की रफ्तार कम हो जाएगी या बिक्री कम हो जाएगी। धैर्यपूर्वक सोच-समझकर लिया गया निर्णय आपके बिजनेस को फायदा ही पहुँचाएगा।

कॉम्‍प्रोमाइज
टकराव और समस्याएँ सुलझाने के मामले में महिलाओं में गजब का माद्दा होता है। घर-परिवार में अक्सर पति व बेटे के बीच टकराव में महिलाएँ ही सुलह कराती हैं। यह गुण अपना बिजनेस चलाने में बहुत काम आता है। कोई भी दफ्तर चलाते वक्त वैचारिक अथवा अहम्‌ के टकराव से दो-चार होना ही पड़ता है। महिला होने के नाते आप ऐसे टकराव से बेहतर तरीके से निपट सकती हैं।

नेटवर्किंग
व्यवसाय जगत में नेटवर्किंग का बड़ा महत्व है। अब जरा गौर करें, आप अपने पारिवारिक संबंधों को लेकर भी गंभीर होती हैं, सामाजिक संबंधों में दिलचस्पी भी लेती हैं और इन्हें लंबे समय तक कायम भी रखती हैं। इसी भाँति अपने एम्पलॉई, शेयरहोल्डर और कस्टमर से संबंध बनाएँ और उन्हें कायम रखें।

उल्लास
घर में कोई भी उत्सव हो, धार्मिक अनुष्ठान हो या छोटी-सी बर्थडे पार्टी ही क्यों न हो, सबके लिए महिलाएँ हमेशा उल्लासित रहती हैं और पूरे जोशो-खरोश के साथ उसे सफल बनाने में जुट जाती हैं। अपनी कंपनी के ब्रांड को लेकर इसी भाँति उल्लासित रहना कामयाब बिजनेसवूमन बनने की आवश्यक शर्त है।

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