बायोटेक्नोलॉजी का उगता सूरज

Webdunia
- अशोक सिंह

ND
ND
दुनिया भर में बायोटेक्नोलॉजी या जैव प्रौद्योगिकी का जादू सिर पर चढ़कर बोल रहा है। जानवरों से इनसानों तक की क्लोनिंग के दावे, अधिक उपजाऊ नई रोगरोधी विभिन्न फसलों की किस्में, स्टेम सेल का उपयोग, जीनियागिरी से पीढ़ियों से चले आ रहे आनुवंशिक रोगों का अगली पीढ़ी में सफाया, क्लीनिकल रिसर्च इत्यादि असंख्या उदाहरणों का इस संदर्भ में जिक्र किया जा सकता है।

बायोटेक्नोलॉजी बुनियादी रूप से रिसर्च आधारित एक ऐसा विशिष्ट क्षेत्र है जिसमें बायोलॉजी और टेक्नोलॉजी का अदभुत समन्वय देखा जा सकता है। इसके अंतर्गत कई अन्य विषयों का भी सहज और स्वाभाविक उपयोग निहित है। इन विषयों में बायोकेमिस्ट्री, जेनिटिक्स, माइक्रोबायोलॉजी, केमिस्ट्री, वायरोलॉजी तथा इंजीनियरिंग को खासतौर से शुमार किया जा सकता है।

हाल के वर्षों में बायोटेक्नोलॉजी का जिस तेजी से विकास हुआ है उसे समझने के लिए यही जानकारी पर्याप्त है कि जहाँ वर्ष 1978 में मात्र एक बायोटेक्नोलॉजी कंपनी कार्यरत थी आज उनकी संख्या बढ़कर 350 से ऊपर हो चुकी है। वर्ष 2007 तक इस क्षेत्र का कारोबार डेढ़ अरब डॉलर के आँकड़े को पार कर चुका था और उम्मीद है कि आगामी वर्षों तक यह राशि 5 अरब डॉलर को छू लेगी।

बायोटेक्नोलॉजी की बदौलत विभिन्न क्षेत्रों में आज बड़ी संख्या में ट्रेंड युवा कार्यरत है। इनमें हैल्थ एवं मेडिसिन, क्रॉपिंग सिस्टम एवं क्रॉप मेनेजमेंट, एग्रीकल्चर मृदा विज्ञान, पारिस्थितिकी, बायोस्टेटिक्स, सेल बायोलॉजी, सीड टेक्नोलॉजी, प्लांट फिजियोलॉजी आदि मुख्य हैं। इनके कार्यकलापों का उद्देश्य विभिन्न टीकों का विकास करना, रोगनाशक दवाओं को तैयार करना, डायग्नोस्टिक की नई तकनीकें विकसित करना इत्यादि है।

विश्व स्तर पर भारतीय बायोटेक्नोलॉजी उद्योग को काफी सम्मानित और विशिष्ट खूबियों से परिपूर्ण माना जाता है। इसके पीछे कारण है रिसर्च लेब्रोरेट्रीज की ऐसी श्रृंखला जो अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है, ट्रेंड बायोटेक्नोलॉजी विशेषज्ञों की उलपब्धता, कम लागत में विदेशी कंपनियों से ठेके पर काम लेने की क्षमता इत्यादि। सरकारी और प्राइवेट स्तर की इस प्रकार की संस्थाओं का नेटवर्क समूचे देश में तेजी से फैल रहा है और इन कंपनियों के बढ़ते मुनाफा का संकेत शेयर बाजार में इनके शेयरों की बढ़ती कीमत के रूप में सहज देखा जा सकता है।

जहाँ तक रिसर्च के अतिरिक्त अन्य प्रकार के रोजगार का सवाल है तो औद्योगिक उत्पादन, बायोप्रोसेंसिंग आधारित उद्योग की प्लानिंग एवं प्रबंधन संबंधी कार्यकलाप, नामी फार्मास्यूटिकल कंपनियों के आर एंड डी विभागों के विभिन्न पदों पर दायित्वपूर्ण कार्यों को अंजाम देना, कॉलेजों-विश्वविद्यालयों में बायोटेक्नोलॉजी के संकायों में काम करना इत्यादि का खास तौर पर उल्लेख किया जा सकता है।

Show comments

Lok Sabha Elections 2024 : मेरी इच्छा है नरेंद्र मोदी फिर से मुख्यमंत्री बनें, नीतीश कुमार की फिर फिसली जुबान

Rajasthan weather : राजस्थान में गर्मी का कहर, फलोदी में तापमान 50 डिग्री के पार

Lok Sabha Elections : राहुल गांधी का दावा, प्रधानमंत्री मोदी गिराना चाहते हैं हिमाचल की सरकार

मोदी, शाह और फडणवीस ने गडकरी की हार के लिए काम किया, संजय राउत का दावा

बेबी केयर सेंटर का मालिक नवीन गिरफ्तार, अस्पताल में आग लगने से हुई थी 7 नवजात की मौत

ओडिशा बोर्ड 10वीं का रिजल्ट घोषित, 96 फीसदी से ज्‍यादा छात्र रहे सफल

आराध्‍य चतुर्वेदी ने 12वीं CBSE परीक्षा में हासिल किए 94.8% अंक

प्राइमरी टीचिंग में करियर बनाएं

दिल्ली केंद्रों पर 15 मई को होने वाली CUET-UG परीक्षा स्थगित

CBSE Supplementary Exam : सीबीएसई 10वीं और 12वीं की पूरक परीक्षा 15 जुलाई से