अरविंद केजरीवाल सरकारी अधिकारी से आंदोलनकारी और फिर राजनेता से लेकर मुख्यमंत्री रहे हैं। उनके स्वभाव में दृढ़ निश्चय और हठ भरा है। इसी वजह से वे सफल हुए हैं। फिलहाल उन्हें नरेन्द्र मोदी का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा है । एकाएक उभरे केजरीवाल को कई लोग प्रधानमंत्री का एक सशक्त विकल्प भी मान रहे हैं, आइए जानते हैं क्या कह रहे हैं अरविंद केजरीवाल के सितारे...
अरविंद केजरीवाल की कुंडली वृष लग्न की है जिसमें लग्न में ही चन्द्रमा, तृतीय भाव में मंगल, चतुर्थ भाव में सूर्य, शुक्र, बृहस्पति व बुध, एकादश भाव में राहु और द्वादश भाव में शनि स्थित है।
चन्द्रमा उच्च का होकर लग्न में स्थित है और चतुर्थ भाव में 4 ग्रह एकसाथ बैठकर एक शक्तिशाली राजयोग ‘प्रवज्र राजयोग’ बना रहा है। इसी राजयोग की वजह से ही अरविंद केजरीवाल का इस तरह उत्थान या कहें कि आगमन हुआ और उन्हें लोकप्रियता मिली।
परंतु अरविंद केजरीवाल की कुंडली में 2 तरह की समस्याएं हैं। उनकी लग्न कुंडली में तृतीय भाव का मंगल कमजोर है, मगर नवांश स्वयं की राशि में बैठकर प्रबल हो रहा है। जन्मकुंडली का तृतीय भाव दर्शाता है पराक्रम को। मंगल कमजोर होने के कारण अक्सर अरविंद केजरीवाल बिना सोचे-समझे और आकलन किए बिना प्रतिस्पर्धा में उतर जाते हैं और दिक्कत में आते हैं।
इस लग्न के लिए शनि एक महत्वपूर्ण ग्रह होकर द्वादश भाव में स्थित है और नीच का भी है, परंतु नवांश कुंडली में वर्गोत्तम भी हो गया है। इस वजह से उन्हें जनमानस का प्रेम और घृणा दोनों ही अधिक प्राप्त होती है।
जब तक अरविंद केजरीवाल राजनीति में रहेंगे, जनता से प्रेम और घृणा का संबंध चलता रहेगा। आने वाले 10 सालों में केजरीवाल को आशातीत सफलता प्राप्त हो सकती है। इस बार वे लोकप्रिय तो होंगे, परंतु प्रधानमंत्री पद से कोसों दूर रहेंगे ऐसा उनके ग्रह-नक्षत्र बता रहे हैं।