इसरो ने नहीं कराया चंद्रयान का बीमा

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बेंगलुरु। चंद्रमा पर भारत के पहले मानवरहित मिशन चंद्रयान प्रथम का बुधवार को सफल प्रक्षेपण करने वाले इसरो को इस मिशन की कामयाबी का पूरा भरोसा है और शायद यही वजह है कि इसने किसी तरह की गड़बड़ी होने की दशा में न तो अंतरिक्ष यान और न ही प्रक्षेपण यान का बीमा कराया।

386 करोड़ रुपए की इस परियोजना में शामिल अंतरिक्ष यान 186 करोड़ रुपए का है, जबकि 44 मीटर लंबे प्रक्षेपण यान की कीमत सौ करोड़ रुपए है। इसरो ने इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क (डीएसएन) स्थापित करने के लिए सौ करोड़ रुपए खर्च किए हैं, जिसमें 32 मीटर का विशालकाय एंटीना शामिल है। यह न सिर्फ चंद्रयान श्रृंखला, बल्कि इसरो के भविष्य में अन्य उपग्रह मिशन के लिए भी काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।

सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र (शार) के एसोसिएट डायरेक्टर एमवाईएस प्रसाद के मुताबिक 'वैज्ञानिक मिशन' होने की वजह से इसरो ने इस पूरी परियोजना का बीमा नहीं कराया है।

प्रसाद ने कहा कि दुनिया में कहीं भी वैज्ञानिक मिशन का बीमा नहीं किया जाता। उन्होनें कहा कि यह फायदे के लिए नहीं है। हालाँकि उपग्रहों का बीमा कराया जा सकता है, लेकिन प्रक्षेपण यान का नहीं। (वार्ता)
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