पाम संडे यानी यीशू का यरुशलम प्रवेश

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पाम संडे यानी खजूर रविवार को ईसाई धर्म के अनुयाइयों के प्रमुख त्योहारों में से एक त्योहार मनाया गया। इस दिन को ईसाई समुदाय के लोग प्रभु यीशू के यरुशलम में विजयी प्रवेश के रूप में मनाते हैं। इस बार 13 अप्रैल को पाम संडे मनाया गया।

पवित्र बाइबल में कहा गया है कि प्रभु यीशू जब यरुशलम पहुंचे, तो उनके स्वागत में बड़ी संख्या में लोग पाम यानी खजूर की डालियां अपने हाथों में लहराते हुए एकत्रित हो गए थे।

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लोगों ने प्रभु यीशू की शिक्षा और चमत्कारों को शिरोधार्य कर उनका जोरदार स्वागत किया था। यह बात करीब दो हजार वर्ष पहले की बताई जाती है। उस दिन की याद में पाम संडे मनाया जाता है।

इसे पवित्र सप्ताह की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है। इसका समापन ईस्टर के रूप में होता है। इस बार ईस्टर 20 अप्रैल को मनाया जाएगा। पाम संडे दक्षिण भारत में प्रमुखता से मनाया जाता है। इसे पैसन संडे भी कहा जाता है।

इन दिनों चर्चों में विशेष आयोजन होते हैं। इसमें बाइबल का पाठ, प्रवचन और मीसा का आयोजन भी किया जाता है। साथ ही एक विशेष आयोजन के साथ शाम को विशेष चल समारोह निकाला जाएगा। ईसाई समाज पाम संडे के दिन प्रभु के आगमन की खुशी में गीत गाकर इस दिन का स्वागत करते हैं।

वे हाथों में खजूर की डालियां लेकर प्रभु के आने की खुशी में गीत गाएंगे। गिरिजाघरों में शुरू हुई प्रभु आराधना एवं भक्ति का सिलसिला ईस्टर तक जारी रहेगा।

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