दशहरे से जुड़ी कहानियां

Webdunia
WD

कुल्लू में विजयदशमी के पर्व मनाने की परंपरा राजा जगत सिंह के समय से मानी जाती है।

यहां के दशहरे को लेकर एक कथा प्रचलित है जिसके अनुसार एक साधु कि सलाह पर राजा जगत सिंह ने कुल्लू में भगवान रघुनाथ जी की प्रतिमा की स्थापना की। उन्होंने अयोध्या से एक मूर्ति लाकर कुल्लू में रघुनाथ जी की स्थापना करवाई थी।

FILE
कहते हैं कि राजा जगत सिंह किसी रोग से पीड़ित थे अतः साधु ने उसे इस रोग से मुक्ति पाने के लिए रघुनाथ जी की स्थापना की सलाह दी।

उस अयोध्या से लाई गई मूर्ति के कारण राजा धीरे-धीरे स्वस्थ होने लगा और उसने अपना संपूर्ण जीवन एवं राज्य भगवान रघुनाथ को समर्पित कर दिया।

एक अन्य किंवदंती अनुसार जब राजा जगतसिंह, को पता चलता है कि मणिकर्ण के एक गांव में एक ब्राह्मण के पास बहुत कीमती रत्न है, तो राजा के मन में उस रत्न को पाने की इच्छा उत्पन्न हुई और वे अपने सैनिकों को उस ब्राह्मण से वह रत्न लाने का आदेश देता है।

WD
सैनिक उस ब्राह्मण को अनेक प्रकार से सताते हैं अतः यातनाओं से मुक्ति पाने के लिए वह ब्राह्मण परिवार समेत आत्महत्या कर लेता है। परंतु मरने से पहले वह राजा को श्राप देकर जाता है और इस श्राप के फलस्वरूप कुछ दिन बाद राजा का स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है।

तब एक संत राजा को श्रापमुक्त होने के लिए रघुनाथजी की मूर्ति लगवाने को कहता है और रघुनाथ जी कि इस मूर्ति के कारण राजा धीरे-धीरे ठीक होने लगता है।

राजा ने स्वयं को भगवान रघुनाथ को समर्पित कर दिया तभी से यहां दशहरा पूरी धूमधाम से मनाया जाने लगा।

Show comments

Astro prediction: 4 जून 2024 को किस पार्टी का भाग्य चमकेगा, क्या बंद है EVM में

Tulsi : तुलसी के पास लगाएं ये तीन पौधे, जीवनभर घर में आएगा धन, मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी

Bhaiyaji sarkar: 4 साल से सिर्फ नर्मदा के जल पर कैसे जिंदा है ये संत, एमपी सरकार करवा रही जांच

Astro prediction: 18 जून को होगी बड़ी घटना, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है भविष्यवाणी

Guru ketu gochar : गुरु और केतु के नवपंचम योग से 3 राशियों को मिलेगा बड़ा फायदा

Weekly Forecast 2024 : 27 मई से 2 जून 2024, जानें नया साप्ताहिक राशिफल (एक क्लिक पर)

Weekly Calendar: साप्ताहिक पंचांग कैलेंडर मुहूर्त, जानें 27 मई से 2 जून 2024

Aaj Ka Rashifal: आज का दिन क्या खास लाया है आपके लिए, पढ़ें 26 मई का दैनिक राशिफल

Bada Mangal : इस शुभ योग में मनाया जाएगा बड़ा मंगल, जानें क्यों मनाते हैं?

Chanakya niti : अपने बच्चों को दे रहे हैं शिक्षा तो चाणक्य की ये बात भी मान लें, वर्ना पछताएं