प्रो. सीएनआर राव : प्रोफाइल

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भारत के जाने-माने वैज्ञानिक व केमेस्ट्री के विशेषज्ञ प्रो. सीएनआर राव जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एड्वांस साइं‍टिफिक रिसर्च, बेंगलुरु के प्रेसीडेंट को 16 नवंबर को केंद्र सरकार ने भारतरत्न पुरस्कार देने की घोषणा कर दी गई। जर्मन केमिकल सोसायटी का यह सम्मान पाने वाले वे पहले भारतीय हैं।

प्रो. सीएनआर राव (चिंतामणि नगेस रामाचंद्रन राव) का जन्म 30 जून 1934 को बेंगलुरु में हुआ था। ये बचपन से ही पढ़ने में बहुत तेज थे। इनकी शुरुआती पढा़ई बेंगलुरु के स्थानीय स्कूल से हुई। उन्होंने 1951 में मैसूर विश्वविद्यालय से स्तातक की पढ़ाई पूरी की।

इसके बाद 1954 में उन्होंने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री तथा 1958 में पुरदेई विश्वविद्यालय से रसायन शास्त्र में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।

सीएनआर राव ने भारत सहित विश्व के कई महत्वपूर्ण संस्थानों से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। वे पहली बार 1963 में राष्ट्रीय तकनीक संस्थान, कानपुर के रसायन शास्त्र विभाग के अध्यक्ष बने और बाद में उसके शोध विभाग के प्रमुख बने।

1967 में वे पुरदेई विश्वविद्यालय तथा 1974 में मेलबोर्न विश्वविद्यालय में रसायन के अतिथि प्रोफेसर बने। इसके बाद वे भारतीय विज्ञान संस्थान के निदेशक बने।

प्रो. सीएनआर राव ने भारत सहित विश्व के कई विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर की भूमिका निभाई तथा वे कई रासायनिक संस्थानों के प्रमुख भी रहे। इसके साथ ही उन्हें भारत व विश्व के कई संस्थानों व मंत्रालयों से फैलो भी मिल चुकी है। वे रिजर्व बैंक के निदेशक भी रह चुके हैं और भारत के विज्ञान एवं तकनीक शोध संस्थान के सदस्य रह चुके हैं।

प्रो. सीएनआर राव को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 90 से ज्यादा पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है जिसमें से 1974 में दिया गया भारत का दूसरा सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार पद्मश्री भी शामिल है और अब उन्हें भारतरत्न से भी सम्मानित किया जाएगा।

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