गर्मियों की आम बीमारी है स्टमक फ्लू

कैसे जानें, क्या है गैस्ट्रोएन्टराइटिस

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गर्मियों में खाना अक्सर संदूषित हो जाता है और ऐसा खाना खाने से प्राय: आंत्रशोथ या गैस्ट्रोएन्टराइटिस हो जाता है और इससे प्रभावित व्यक्ति को अतिसार यानी डायरिया हो सकता है। इसे आम बोल चाल की भाषा में स्टमक फ्लू भी कहते हैं।

फोर्टिस अस्पताल में वरिष्ठ गैस्ट्रोएन्टराइटिस डॉ. मोनिका जैन ने बताया कि गैस्ट्रोएन्टराइटिस वायरस के संक्रमण से होता है। नोरोवायरस, रोटावायरस, एस्ट्रोवायरस आदि वायरस अक्सर संदूषित भोजन या पीने के पानी में पाए जाते हैं। य ह वायरस खाने या पानी के साथ शरीर में प्रविष्ट हो जाते हैं और चार से 48 घंटे में अपना संक्रमण फैलाते हैं। गैस्ट्रोएन्टेराइटिस का सर्वाधिक खतरा बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरोधक तंत्र वाले लोगों को होता है।

उन्होंने बताया कि गैस्ट्रोइन्टराइटिस संक्रमण से होने वाली बीमारी है और इससे प्रभावित व्यक्ति के बर्तन, कपड़े, सामान आदि का इस्तेमाल करने वाले को भी संक्रमण होने की आशंका होती है।

आर.आर. अस्पताल में गैस्ट्रोएन्टरोलॉजिस्ट रह चुके डॉ. कर्नल अविनाश सेठ ने बताया कि पेट में दर्द, अतिसार, जी मिचलाना, उल्टी होना, तेज ठंड लगना, त्वचा में हल्की जलन होना, बहुत पसीना आना, बुखार, जोड़ों में कड़ापन, मांसपेशियों में तकलीफ, भूख न लगना, वजन कम होना आदि गैस्ट्रोइन्टराइटिस के प्रमुख लक्षण हैं।

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उन्होंने बताया कि अतिसार या उल्टी होने पर शरीर में लवण और खनिज पदार्थों की कमी हो जाती है। ऐसे में लवण और खनिज पदार्थों का अतिरिक्त मात्रा में सेवन जरूरी हो जाता है।

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव सूरी के अनुसार, बच्चों को अक्सर रोटावायरस का संक्रमण होता है और यह कई बार इतना तीव्र हो जाता है कि बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता है। रोटावायरस के संक्रमण से बचाव के लिए अब टीके लगाए जाते हैं। डॉ. मोनिका ने बताया कि गैस्ट्रोएन्टराइटिस से बचाव के लिए अधिक से अधिक मात्रा में पानी और तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इनमें किसी तरह का संदूषण न हो। गैस्ट्रोएन्टराइटिस होने पर सेब का जूस, सोडा या कोला आदि के उपयोग से बचना चाहिए क्योंकि इनमें चीनी की अत्यधिक मात्रा होने की वजह से अतिसार पीड़ित की तबियत और बिगड़ सकती है। चीनी उन लवणों और खनिजों की जगह नहीं ले सकती जिनकी शरीर में कमी हो जाती है।

डॉ. सेठ के अनुसार, तेज गर्मी के दिनों में घर से बाहर निकलने से पहले कुछ खा लेना चाहिए। खाली पेट धूप में निकलने से गैस्ट्रोएन्टराइटिस होने का खतरा होता है। साथ ही यह भी ध्यान रहे कि गर्मियों में ताजे खाने का ही सेवन किया जाए। गर्मी की वजह से अक्सर खाना जल्दी संदूषित होता है, इसलिए यह देख लेना चाहिए कि पहले से रखा खाना खाने योग्य है या नहीं। कहीं वह संदूषित तो नहीं हो गया है।

गैस्ट्रोएन्टराइटिस होने पर शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है, इसलिए थोड़ी-थोड़ी देर में तरल पदार्थों का सेवन करते रहना चाहिए। (भाषा)

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