तरबूज : एक स्वास्थ्य रक्षक फल

Webdunia
तरबूज सारे भारत में पाया जाता है और एक सुपरिचित फल है जो अन्दर से लाल और बाहर से हरा या कालिमायुक्त गहरा हरा होता है। इसके बीज काले और सफेद दोनों प्रकार के होते हैं।

यह कच्चा होने पर अन्दर से सफेद और पकने पर हलका लाल या गहरा लाल हो जाता है, कुछ सफेद भी रहते हैं। इसका गूदा मुंह में रखकर चबाते ही पानी पानी हो जाता है।

तरबूज ग्राही, शीतल, भारी तथा दृष्टि की शक्ति, पित्त और वीर्य नाशक होता है। पका हुआ तरबूज पित्तकारक, क्षारयुक्त मूत्रल, गर्म और वात कफ शामक होता है। इसके बीजों का गूदा (मगज) मधुर, बलवीयवर्द्धक, रुचिकारक, शीतल और मूत्रल होता है।

इन बीजों का तेल, बादाम के तेल की जगह उपयोग में लिया जाता है। तरबूज में काफी मात्रा में पेक्टिन और रस में सिट्रयुलिन 0.17 प्रतिशत होता है। इसके बीजों में आवश्यक अमीनो अम्ल काफी मात्रा में पाए जाते हैं।

उपयोग : आमतौर पर तरबूज का उपयोग एक फल के तौर पर काटकर खाने के रूप में किया जाता है और इसके छिलकों की शाक बनाकर खाई जाती है। इसके अलावा तरबूज के कुछ प्रयोग घरेलू इलाज के रूप में भी हैं-

मूत्र दाह : तरबूज के बीच में से गोलाई में टुकड़ा काटकर निकालें और इस जगह से तरबूज में शकर डाल दें, फिर वह टुकड़ा तरबूज में लगाकर रातभर ओस में रखें। सुबह इसे काटकर खाएं। इस प्रयोग से पेशाब की जलन और रुकावट दूर होती है।

दिमागी ताकत : तरबूज के बीजों की गिरि निकालकर 5-10 गिरियां सुबह खूब चबा-चबाकर खाने से दिमागी ताकत बढ़ती है।

सिर दर्द : तरबूज के गूदे के टुकड़े करके मोटे कपड़े में रखकर निचोड़ें और इसके रस में शकर घोलकर पिएं। इस प्रयोग को थोड़े दिन तक करते रहने से पुराना सिर दर्द होना बन्द हो जाता है।

कब्ज : भोजन के बाद नियमित रूप से तरबूज खाने से कब्ज नहीं रहता और रहता हो तो दूर हो जाता है।

ज्वर : ज्वर के रोगी को तरबूज खिलाने या इसका रस पिलाने से उसे राहत मिलती है और ज्वर दूर होता है।

सूखी खांसी : सूखी खांसी होने पर खांसी तो चलती है पर कफ नहीं निकलता। तरबूज काटकर इस पर काला नमक बुरक कर खाने से खांसी चलना बन्द हो जाती है।

उच्च रक्त चाप : तरबूज के बीजों का रस पीने से उच्च रक्त चाप सामान्य हो जाता है। बीजों का रस बनाने के लिए तरबूज के बीज छाया में सुखा लें। दो चम्मच बीज कूट-पीसकर एक कप उबलते गर्म पानी में डालकर घण्टेभर तक रखें। घण्टेभर बाद चम्मच से हिलाकर छानकर पी जाएं। इस प्रयोग से उच्च रक्त चाप, वृक्क (किडनी) में सूजन हो तो वह भी ठीक होती है।

मानसिक दुर्बलता : मानसिक दौर्बल्य, उन्माद, अनिद्रा आदि विकारों को दूर करने के लिए तरबूज का रस एक कप गाय का दूध एक कप और दो चम्मच पिसी मिश्री सफेद कांच की बोतल में भरकर रात को खुली चांदनी में रखें और सुबह खाली पेट इसे पी जाएं। यह उपाय कुछ दिन करने से ये सभी व्याधियां दूर हो जाती हैं।

धनतेरस सजावट : ऐसे करें घर को इन खूबसूरत चीजों से डेकोरेट, आयेगी फेस्टिवल वाली फीलिंग

दीपावली पार्टी में दमकेंगी आपकी आंखें, इस फेस्टिव सीजन ट्राई करें ये आई मेकअप टिप्स

दीपावली पर 10 लाइन कैसे लिखें? Essay on Diwali in Hindi

फेस्टिव दीपावली साड़ी लुक : इस दिवाली कैसे पाएं एथनिक और एलिगेंट लुक

दिवाली के शुभ अवसर पर कैसे बनाएं नमकीन हेल्दी पोहा चिवड़ा, नोट करें रेसिपी

Diwali Fashion : दीपावली के लिए बेस्ट आर्टिफिशियल ज्वेलरी आइडियाज

हाथ जलने पर घबराएं नहीं, जानें तुरंत राहत के लिए ये आसान घरेलू उपाय

दीपावली पर ऐसे बढ़ाएं चेहरे की चमक : कॉन्टूरिंग से पाएं परफेक्ट फेस लुक

दीपावली पर अस्थमा को कहें अलविदा : अपनाएं ये खास योग टिप्स

US Elections: ऑनलाइन सर्वे में 61 प्रतिशत NRI मतदाता हैरिस और 32 प्रतिशत ट्रंप समर्थक