' सृज न' और 'प्रस्तुतिकर ण' की परिभाषा पेश करते हुए एक सज्जन ने कह ा-
' जब पत्नी पूरे प्रेम के साथ अपने पति के लिए स्वेटर बुनती है तो उसे 'सृज न' कहेंगे। और जब वह स्वेटर बुनकर अपने पति के हवाले करे और कहे कि 'लो मर ो, अब मेरी जान मत खाना। तो इसे कहेंगे 'प्रस्तुतिकर ण' ।