आओ, हम फिर से जिएं

अजित कुमार

Webdunia
WD
आओ हम फिर से जिएं
बहता-बहता मेघखंड जो
पहुंच गया है वहां क्षितिज तक...
लौटा लाएं उसे,
कहें :
' ओ, फिर से बहो!
मंद, मंथर, मृदु ‍गति से...
शोभावाही मेघ, रसीले मेघ, दूत!
जो कथा कही थी, फिर से कहो!'

और...
अपलक, अविचल
हम उसे निरखते रहें, सुनें!

आओ, हम फिर से जिएं!
Show comments

गर्भवती महिलाओं को क्यों नहीं खाना चाहिए बैंगन? जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

हल्दी वाला दूध या इसका पानी, क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?

ज़रा में फूल जाती है सांस? डाइट में शामिल ये 5 हेल्दी फूड

गर्मियों में तरबूज या खरबूजा क्या खाना है ज्यादा फायदेमंद?

पीरियड्स से 1 हफ्ते पहले डाइट में शामिल करें ये हेल्दी फूड, मुश्किल दिनों से मिलेगी राहत

जर्मन मीडिया को भारतीय मुसलमान प्रिय हैं, जर्मन मुसलमान अप्रिय

Metamorphosis: फ्रांत्स काफ़्का पूरा नाम है, लेकिन मुझे काफ़्का ही पूरा लगता है.

21 मई : राजीव गांधी की पुण्यतिथि, जानें रोचक तथ्य

अपनी मैरिड लाइफ को बेहतर बनाने के लिए रोज करें ये 5 योगासन

क्या है Male Pattern Baldness? कहीं आप तो नहीं हो रहे इसके शिकार