मैंने अपने आँगन में गुलाब लगाए

निर्मला पुतुल

Webdunia
WDWD
मैंने अपने आँगन में गुलाब लगाए

इस उम्मीद से कि उसमें फूल खिलेंगे

लेकिन अफसोस की उसमें काँटे ही निकले

मैं सिंचती रोज़ सुबह शाम

और देखती रही उसका तेज़ी से बढ़ना।

वह तेजी से बढ़ा भी

पर उसमें फूल नहीं आए

वो फूल जिससे मेरे सपने जुड़े थे

जिससे मैं जुड़ी थी

पर लंबी प्रतीक्षा के बाद भी

उसमें फूल का नहीं आना

मेरे सपनों का मर जाना था।

एक दिन लगा कि मैं

इसे उखाड़कर फेंक दूँ

और इसकी जगह दूसरा फूल लगा दूँ

पर सोचती हूँ बार-बार उखाड़कर फेंक देने

और उसकी जगह नए फूल लगा देने से

क्या मेरी जिंदगी के सारे काँटे निकल जाएँगे?

हक़ीकत तो यह है कि

WDWD
चाहे जितने फूल बदल दें हम

लेकिन कुछ फूल की नियति ही ऐसी होती है

जो फूल की जगह काँटे लेकर आते हैं

शायद मेरे आँगन में लगा गुलाब भी

कुछ ऐसा ही मेरी जिंदगी के लिए।

साभार : वागर्थ

Show comments

गर्भवती महिलाओं को क्यों नहीं खाना चाहिए बैंगन? जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

हल्दी वाला दूध या इसका पानी, क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?

ज़रा में फूल जाती है सांस? डाइट में शामिल ये 5 हेल्दी फूड

गर्मियों में तरबूज या खरबूजा क्या खाना है ज्यादा फायदेमंद?

पीरियड्स से 1 हफ्ते पहले डाइट में शामिल करें ये हेल्दी फूड, मुश्किल दिनों से मिलेगी राहत

जर्मन मीडिया को भारतीय मुसलमान प्रिय हैं, जर्मन मुसलमान अप्रिय

Metamorphosis: फ्रांत्स काफ़्का पूरा नाम है, लेकिन मुझे काफ़्का ही पूरा लगता है.

21 मई : राजीव गांधी की पुण्यतिथि, जानें रोचक तथ्य

अपनी मैरिड लाइफ को बेहतर बनाने के लिए रोज करें ये 5 योगासन

क्या है Male Pattern Baldness? कहीं आप तो नहीं हो रहे इसके शिकार