पुन: होगा सुपर-महाद्वीप का निर्माण

पुरातन चट्टानों की चुंबकीय स्थिति पर रिसर्च

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अमेरिकी वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि भविष्य में अमेरिका और एशिया महाद्वीप आपस में टकरा जाएंगे, जिससे एक नए सुपर-महाद्वीप का निर्माण होगा। वैज्ञानिकों के अनुसार आज से पांच से 20 करोड़ साल बाद होने वाली इस टक्कर में बाद में यूरोप, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया भी मिल जाएंगे।

वैज्ञानिकों की यह रिसर्च पुरातन चट्टानों की चुंबकीय स्थिति की स्टडी पर आधारित है। रिसर्च करने वाली अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी की भू-गार्भिक हलचल के चलते जमीन लगातार अपनी जगह से खिसक रही है। इसके चलते अमेरिका, यूरोप और एशिया नॉर्थ पोल पर एक-दूसरे से टकरा जाएंगे।

इससे पहले 30 करोड़ साल पहले ऐसी घटना हुई थी, जब महाद्वीपों ने इसी तरह एक सुपर-महाद्वीप का निर्माण किया था जिसे पेनगिया कहा जाता है। येल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की यह स्टडी नेचर जर्नल में छपी है।

स्टडी के मुताबिक पृथ्वी की भू-गार्भिक हलचल के कारण जमीन अपनी जगह से लगातार खिसक रही है। इस हलचल से मिड-अटलांटिक रिज जैसी जगहों का निर्माण होता है, जहां अब आइसलैंड है। जापान का तट भी ऐसी ही हलचलों से अस्तित्व में आया था। अब जिस नए सुपर-महाद्वीप की बात की जा रही है उसमें केवल अंटार्कटिका महाद्वीप शामिल नहीं होगा।

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