सुरक्षित निवेश और रिटर्न में सोना अव्वल

Webdunia
बुधवार, 2 जून 2010 (19:19 IST)
ऐसे दौर में जबकि तमाम प्रकार की परिसम्पत्तियाँ विश्व बाजार की अनिश्चिताताओं में डूबती-उतराती रही हैं, सोना निवेशकों के लिए एक बार फिर सुरक्षित निवेश के रूप में अपनी पुरानी ख्याति पर खरा दिख रहा है।

आशा और निराशा के बीच झूलते शेयर और बांड बाजारों के विपरीत सोना लम्बी रेसा का घोड़ा बन कर उभरा और बाजार के लोगों का कहना है कि पिछले एक दशक में सोने ने सालाना औसतन 20 प्रतिशत का प्रतिफल दिया है। इसे किसी भी परिसम्पत्ति के लिए प्रतिफल की बहुत अच्छी दर माना जाता जा रहा।

स्वर्ण बाजार के विश्लेषकों ने कहा कि यदि पिछले दस साल के आँकड़ों देखे जाएँ, तो सोने ने औसतन 21 प्रतिशत सालाना रिटर्न दिया है। इस लिहाज से यह माना जा सकता है कि सोने से बेहतर सुरक्षित निवेश का कोई विकल्प नहीं है।

शेयरों के मुकाबले सोना इस साल भी रिटर्न में आगे है। एक जनवरी, 2010 को दिल्ली में सोना स्टैंडर्ड 16905 रुपए पर था, जो एक जून को 19050 रुपए प्रति दस ग्राम पर पहुँच गया। इस तरह पहले पाँच माह में इस पर 12 से 13 फीसद का रिटर्न मिला है।

बाम्बे शेयर बाजार का 30 प्रमुख शेयरों वाला सेंसेक्स गत चार जनवरी को 17558.73 अंक के स्तर पर था। जबकि एक जून को सेंसेक्स 16572.03 अंक के स्तर पर आ गया। इस हिसाब से शेयर बाजार के निवेशकों के लिए 2010 के पहले पाँच माह में रिटर्न 5 से 6 प्रतिशत गिरावट में रहा।

ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एस के जैन का कहना है कि निवेश के विकल्प के रूप में सोने का प्रदर्शन हमेशा बढ़िया रहा है। उन्होंने कहा कि इन दिनों शादी-ब्याह में चढाने के साथ-साथ लोग निवेश के लिए भी सोना खरीद रहे हैं।

वहीं बी के ज्वेलर्स सेंट्रल प्रा.लि. के जगदीश नागी ने कहा कि इन दिनों सोने की बिक्री शादी ब्याह की वजह से हो रही है। उन्होंने कहा कि अक्षय तृतीया पर हमारी बिक्री काफी अच्छी रही थी, उसकी तुलना में इन दिनों माँग में कमी आई है।

नागी ने कहा कि लोग यह समझते हैं कि सोने में निवेश से उन्हें घाटा नहीं हो सकता। इस वजह से ऊँची कीमतों के बावजूद लोग निवेश के लिए भी सोना खरीद रहे हैं। हालाँकि उनका कहना है कि अब शौकिया सोने की खरीद कम ही होती हैं।

बाम्बे स्थित एक बाजार विश्लेषक ने कहा कि हालाँकि, शेयर बाजार से रिटर्न पिछले दस साल में अच्छा रिटर्न मिला है, पर यह सुरक्षित निवेश विकल्प के रुप में स्थापित नहीं हो पाया है। शेयर बाजार में निवेश काफी जोखिम भरा होता है क्योंकि इसमें तेजी से उतार-चढ़ाव आता है। इस साल का आँकड़ा ही देखा जाए, तो शेयरों में निवेश करने वालों को पिछले पाँच माह में घाटा ही हुआ है। (भाषा)

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