'कैप्टन कूल' हुआ आक्रामक

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कप्तानी के शुरुआती दिनों में महेंद्रसिंह धोनी की शालीनता और चालाकी ने लगभग सभी लोगों को प्रभावित किया, लेकिन मौजूदा ट्वेंटी-20 विश्वकप में इसकी झलक देखने को नहीं मिल रही और भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान ने स्वीकार किया कि टीम की कमान संभालने के लगभग दो साल बाद वे बदल गए हैं।

संयमी व्यवहार के लिए मीडिया से 'कैप्टन कूल' का विशेषण पाने वाले धोनी ने कहा कि बेशक मैं बदल गया हूँ, लेकिन यह जीवन का हिस्सा है। यह आसान नहीं है। आखिर मैं भी इनसान हूँ। मेरी भी कुछ कमियाँ हैं, लेकिन मैं सुझावों के लिए तैयार हूँ।

लेकिन वीरेंद्र सहवाग के साथ उनके रिश्तों में टकराव की एक समाचार पत्र की रिपोर्ट के साथ लगभग दो साल की कप्तानी के बाद धोनी के मीडिया के साथ रिश्तों में खटास आ गई है।

धोनी इस रिपोर्ट से इतने नाराज हुए कि एकजुटता दिखाने के लिए पूरी टीम के साथ संवाददाता सम्मेलन में पहुँच गए।

इस मुद्दे ने उस समय और तूल पकड़ लिया, जब कंधे की चोट के कारण सहवाग को स्वदेश भेजने का फैसला किया गया और बीसीसीआई की आधिकारिक पुष्टि से पहले ही कुछ समाचार चैनलों ने यह खबर दिखा दी।

इसके बाद संवाददाता सम्मेलन में एक बार फिर माहौल गरमा गया और नाराज धोनी ने सहवाग की चोट पर किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया। धोनी ने हालाँकि कल मीडिया से रिश्तों में आई खटास को दूर करने का प्रयास किया और दौरे पर पहली बार सहवाग की चोट पर खुलकर बोले।

उन्होंने कहा कि हम सहवाग के विकल्प को बंद नहीं करना चाहते थे और इसलिए हमने शुरुआती दिनों में उन्हें टीम के साथ रखा। हम ऐसी स्थिति में नहीं पड़ना चाहते थे कि हम उन्हें स्वदेश भेज दें और अचानक से वे टीम का हिस्सा बनने के लिए फिट हो जाएँ।

उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से मैं मीडिया में सभी चीजों की चर्चा नहीं कर सकता। सहवाग विवाद से इतर धोनी ने कहा कि भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही है, लेकिन टीम का क्षेत्ररक्षण खराब है जिसमें जल्द से जल्द सुधार करने की जरूरत है।

हम दुनिया की सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षण टीम नहीं हैं और हमें अब भी अंतिम दो से तीन ओवरों में अपनी गेंदबाजी में सुधार करना होगा।

उन्होंने कहा कि दो अभ्यास और दो लीग मैचों में हमारा प्रदर्शन संतोषजनक रहा है। हमारे क्षेत्ररक्षण में कुछ उतार-चढ़ाव रहा और ईमानदारी से कहूँ कि हम टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षण टीम नहीं हैं, लेकिन हम मैदान में प्रभावी है। धोनी ने टीम का हिस्सा नहीं होने के बावजूद सहवाग को टीम होटल में ही रोके रखने का कारण भी बताया।

उन्होंने कहा कि फिलहाल सहवाग के लिए फिजियो की सेवाएँ ली जा सकती हैं। वे हमारे मित्र हैं और लंबे समय से टीम का हिस्सा रहे हैं। वे भी अच्छा महसूस करेंगे, अगर टीम का हिस्सा नहीं होने के बावजूद फिजियो उनकी देखरेख करेंगे।

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