धोनी एंड कंपनी पहली बार पांच टेस्ट की सीरीज खेलेगी

Webdunia
मंगलवार, 3 सितम्बर 2013 (18:25 IST)
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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम जब अगले साल इंग्लैंड दौरे पर जाएगी तो कप्तान महेंद्र सिंह धोनी सहित उनके लगभग सभी साथियों के नाम पर एक रिकॉर्ड जुड़ेगा। ये खिलाड़ी अपने करियर में पहली बार पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलेंगे। इंग्लैंड अगले साल जुलाई अगस्त में पांच टेस्ट मैचों के लिये भारतीय टीम की मेजबानी करेगा।

पिछले कुछ वर्षों में अमूमन इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच ही एशेज श्रृंखला में पांच टेस्ट मैच शामिल किए जाते रहे हैं जबकि भारत ने 2002 से ऐसी कोई श्रृंखला नहीं खेली है। इस तरह से यह धोनी के लिए भी नया अनुभव होगा, जिन्होंने अब तक 77 टेस्ट मैच खेल लिए हैं।

यही नहीं 200वां टेस्ट खेलने की दहलीज पर खड़े सचिन तेंदुलकर ने अपने 24 साल के करियर में केवल तीन बार पांच मैचों की श्रृंखलाएं खेली हैं। भारत के वर्तमान खिलाड़ियों में तेंदुलकर के अलावा केवल जहीर खान और हरभजन सिंह को पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में खेलने का अनुभव हासिल है।

भारत ने आखिरी बार पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला अप्रैल 2002 में वेस्टइंडीज दौरे में खेली थी। उस श्रृंखला में तेंदुलकर के अलावा जहीर खान और हरभजन सिंह ने भी हिस्सा लिया था जो अभी भारत की तरफ से खेल सकते हैं। हरभजन उस श्रृंखला के केवल तीन मैचों में खेले थे।

भारत ने में पिछले तीन दशक में केवल छह बार पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेली है और इन सभी में उसे हार मिली। भारत को अब तक कुल 26 बार पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलने का मौका मिला है और इनमें से वह केवल पांच में जीत दर्ज कर पाया। इसलिए यह कह सकते हैं कि भारतीय टीम पांच मैचों की श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई है।

भारत ने इसके अलावा छह ऐसी श्रृंखलाएं खेली, जिनमें टेस्ट मैचों की संख्या छह थी और दिलचस्प तथ्य यह है कि इनमें से चार श्रृंखलाओं में भारत ने जीत दर्ज की। यह अलग बात है कि ये चारों श्रृंखलाएं (वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और इंग्लैंड के खिलाफ) उसने घरेलू धरती पर खेली थी।

भारत ने आखिरी बार 1983-84 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी सरजमीं पर छह टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेली थी जिसमें उसे 0-3 से हार झेलनी पड़ी थी। इससे पहले पाकिस्तानी दौरे में भी उसे छह मैचों की श्रृंखला में इसी अंतर से हार मिली थी।

भारत ने पांच मैचों की आखिरी श्रृंखला 1972-73 में जीती थी। इंग्लैंड की टीम तब भारतीय दौरे पर आई थी और अजित वाडेकर की टीम ने कोलकाता और चेन्नई में मैच जीतकर श्रृंखला 2-1 से अपने नाम की थी। भारत ने इससे पहले वाडेकर की अगुवाई में ही वेस्टइंडीज को उसकी सरजमीं पर 1-0 से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। यह सुनील गावस्कर की पदार्पण श्रृंखला थी।

भारत ने पहली बार पांच मैचों की श्रृंखला 1952 में पाकिस्तान के खिलाफ अपनी सरजमीं पर जीती थी। उसन तब पाकिस्तान से 2-1 से हराया था। इसके बाद भारतीय टीम ने 1955-56 में न्यूजीलैंड को 2-0 और 1961-62 में इंग्लैंड को भी इसी अंतर से हराया था। इन दोनों श्रृंखलाओं की मेजबानी भारत ने की थी।

इंग्लैंड ने पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए आखिरी बार भारत की मेजबानी 1959 में की थी। उसने तब पांचों मैच जीतकर 'क्लीन स्वीप' किया था। इन दोनों के बीच हालांकि इस तरह की आखिरी श्रृंखला 1984-85 में खेली गयी थी। डेविड गावर की टीम ने भारत के उस दौरे में 2-1 से जीत दर्ज की थी। धोनी की टीम पर अब इन दोनों हार का बदला चुकता करने का जिम्मा होगा। (भाषा)


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