स्टेला कैंपबेल का पत्र जॉर्ज बर्नार्ड शॉ के नाम

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18 नवंबर, 1912, 33 केनसिंगटोन स्कॉय र

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कोई शर्म नहीं... इस बार सच्चा प्रेम पत्र...तभी मैं उन्मुक्त होकर साँस ले सकूँगी और कभी कौन जानता है कि अच्छे से बैठ सकूँ और ठीक हो जाऊँ...

मैं कभी नहीं कहूँगी कि मुझे चूमो, क्योंकि चूमने के लिए कहने के लिए यह जिंदगी काफी छोटी है...तुम्हारे सारे शब्द बेवजह झोंके की तरह है... अगर हिम्मत हो! तो दो मिनट तक मेरी आँखों में झाँकों। कहाँ होंगे तुम्हारे 54 साल? और क्या होगा मेरी दादी माँ के दिल का? और तुम्हें डिनर के ‍‍लिए कितने घंटे की देरी होगी?

... यदि तुम मुझे एक चुंबन दो और यदि मैं तुम्हें 'चूमने के लिए' कहती हूँ और तब तुम मुझे चूमते हो तो मैं कभी भी तुम्हें चूमने के लिए नहीं कहूँगी, क्योंकि मैं एक प्रतिष्ठित विधवा हूँ और मैं कभी नहीं चाहूँगी कि मुझे कोई ऐसा व्यक्ति चूमें, जब तक कि यह विश्वास न हो जाए कि उसके हाथों में सगाई की अँगूठी है।

स्टेला
( लिजा)
जॉर्ज बर्नार्ड शॉँ एक आयरिश नाटककार और 'स्टेला' ( बि‍ट्रिस कैंपबेल, अँग्रेज अदाकारा), 40 सालों तक ‍पत्र-व्यवहार।

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