उमा को नहीं मिली भारतीय जन की शक्ति

Webdunia
मंगलवार, 9 दिसंबर 2008 (14:43 IST)
मध्यप्रदेश में वर्ष 2003 में विधानसभा चुनावों में भाजपा को सत्ता के सिंहासन पर बैठाने वाली भारतीय जनशक्ति पार्टी की प्रमुख उमा भारती को इस बार के चुनाव में जनता ने कोई तवज्जों नहीं दी।

तेरहवीं विधानसभा के चुनाव में भाजपा को नेस्तनाबूद करने की चुनौती को ठेंगा दिखाते हुए उनके गृह टीकमगढ़ की जनता ने उन्हें भी लगभग दस हजार वोटों से पराजित कर स्पष्ट संदेश दे दिया है।

राज्य की कुल 230 सीटों में से भाजश को हालाँकि पाँच सीटे हासिल हुई हैं और छह सीटों पर वह नंबर दो की हैसियत में रही, लेकिन भाजपा के विजय रथ को थामने की शक्ति जनता ने उन्हें नहीं दी। जनता ने सुश्री भारती को भविष्य के भी संकेत दे दिए हैं।

टीकमगढ़ सीट से कांग्रेस के यादवेन्द्रसिंह ने उमा भारती को 9840 मतों के अंतर से पराजित किया, हालाँकि इस सीट पर शिवराज सरकार में मंत्री और कभी उमा के समर्थक रहे अखंडप्रतापसिंह की जमानत तक जब्त हो गई।

लेकिन टीकमगढ जिले की बरगापुर सीट से भाजश के अजय यादव बसपा के सुरेन्द्रसिंह को मुश्किल से 1013 मतों से हरा कर उमा की थोड़ी सी लाज बचा पाए। जतारा (सुरक्षित) सीट से भाजश के आरडी प्रजापति भाजपा के हरिशंकर खटीक से कड़े मुकाबले में 847 मतों से पराजित हुए।

पड़ोस के छतरपुर जिले की दो सीटों पर ही उमा का असर दिखाई दिया। उनकी पुरानी सीट बड़ा मलहेरा से भाजश की रेखा यादव ने कांग्रेस की मंजुलाशील देवडिया को 6522 मतों से हराया। लेकिन चंदला सुरक्षित सीट से आरडी प्रजापति शिवराज सरकार में मंत्री रामदयाल अहिरवार को कड़ी टक्कर देने के बावजूद 958 वोटों से पराजित हो गए।

ग्वालियर चंबल क्षेत्र की मात्र दो सीटों पर सुश्री भारती का असर दिखा। गुना सीट पर राजेन्द्रसिंह सलूजा ने कांग्रेस की संगीता मोहन रजक को 12934 मतों के बड़े अंतर से पराजित किया लेकिन भाजश के लिए यह सीट इस मायने में आसान रही क्योंकि भाजपा के उम्मीदवार गोपीलाल जाटव का नामांकन पत्र तकनीकी गड़बड़ी के कारण खारिज कर दिया गया था।

जबकि शिवपुरी जिले की पिछोर सीट पर भाजश दूसरा स्थान लेकर कुछ प्रतिष्ठा बचा पाई। यहाँ कांग्रेस के पूर्व मंत्री केपीसिंह विजयी रहे। उन्होंने भाजश के भैया साहब लोधी को 27049 के बड़े अंतर से शिकस्त दी।

बुन्देलखंड में पन्ना जिले की पवई सीट पर कांग्रेस छोड़ उमा की शरण में आए पूर्व मंत्री मुकेश नायक को भी जनता ने नकार दिया। वह भाजपा के बृजेन्द्रप्रतापसिंह से 1090 मतों के अंतर से पराजित हो गए। लेकिन रीवा की मऊगंज सीट से भाजश के लक्ष्मण तिवारी भाजपा के अखंड प्रताप सिंह को 4869 मतों से हराने में कामयाब रहे।

भाजश की सबसे महत्वपूर्ण जीत रायसेन जिले की सिल्वानी सीट पर रही। यहाँ देवेन्द्रसिंह पटेल कड़े मुकाबले में विदिशा से भाजपा सांसद रामपालसिंह को 247 मतों के अंतर से हराने में सफ्ल रहे।

भाजश की जिस एक अन्य सीट पर मौजूदगी दिखाई दी, वह कटनी जिले की बहोरीबंद सीट है। इस पर भाजश के शंकरलाल महतो ने कांग्रेस के निशीथ पटेल को कड़ी टक्कर दी लेकिन वह 1674 मतों के अंतर से हार गए।

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