ऊटी : प्रकृति प्रेमियों का स्वर्ग

पहाड़ों की रानी ऊटी -

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यदि आपको प्राकृतिक स्थानों की सैर करने में आनंद आता है तो ऊटी से अच्छी जगह आपके लिए कोई और नहीं। यहां दूर-दूर तक फैली हरियाली, चाय के बागान, तरह-तरह की वनस्पतियां आपको बांधकर रख लेती हैं।

पहाड़ों की रानी ऊटी - नीलगिरी जिले की राजधानी है, इसे उद्‍गमंडल के नाम से भी जाना जाता है। नीलगिरी का अर्थ है- नीला पहाड़, शायद हरे-भरे पहाड़ों के कारण इसे यह नाम दिया गया है। यह समुद्र तल से 2240 मीटर की ऊंचाई पर है।

जब आप कल्लार से कुनूर जाते हैं तो आपको रास्ते में पेड़-पौधों में तथा मौसम में आश्चर्यजनक बदलाव देखने को मिलता है। आपको कल्लार में गरम मौसम मिलेगा तो उससे आगे गरमी हल्की होती चली जाती है। कुनूर के पास चीड़, नीली गोंद, साइप्रस (सुरू) वृक्षों के कारण जलवायु में नमी महसूस होती है।

जैसे ही ऊटी से गुडलूर की तरफ बढ़ते हैं तो वनस्पतियों को देखकर आपके मन में हर्ष की हिलोरें उठने लगती हैं। यही है प्रकृति के सान्निध्य का आनंद! जलवायु और वनस्पति मिलकर एक खूबसूरत मंजर पेश करते हैं। यहां के चाय बागानों ने बहुत ख्याति पाई है। यहां हर वर्ष चाय और पर्यटन उत्सव में भारी संख्या में लोग शामिल होते हैं।

यहां पर क्या देखें :-

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दोदाबेट्टा पीक : यह 2623 मीटर की ऊंचाई पर है। यह जिले का सबसे ऊंचा स्थान है, यहां से आप ऊटी के आसपास के क्षेत्र का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं। यह ऊटी से केवल 10 किलोमीटर दूर है।

लैम्ब्स रॉक : यह कुनूर से केवल 9 किलोमीटर दूर है। यहां से आप कोयंबटूर के नजारों और आसपास के इलाकों के चाय बगानों के सुरम्य दृश्य देख सकते हैं। यहां का हर दृश्य फोटो खींचने लायक है तो यहां अपने भीतर छिपे फोटोग्राफर को बाहर निकालिए और जमकर फोटोग्राफी कीजिए।

कोडानाडू व्यू पाइंट : यह नीलगिरी पर्वत श्रृंखला के पूर्वी छोर पर कोटागिरी से लगभग 16 किलोमीटर दूर है। यहां से आप मोयार नदी और चाय के बागानों का मोहक दृश्य देख सकते हैं। यहां एक प्रेक्षण मीनार भी हैं, जहां से आप रंगास्वामी शिखर का नजारा देख सकते हैं।

बोटनिकल गार्डन्स :- जो लोग प्रकृति प्रेमी है, हरियाली देखने, घूमने-फिरने के शौकीन हैं और दुर्लभ फर्न और अन्य पौधे देखना पसंद करते हैं, उनके लिए इस उद्यान से बढ़ कर दूसरी कोई बेहतर जगह नहीं। लगभग 22 हेक्टेयर इलाके में फैले हुए शासकीय वनस्पति उद्यान 1847 में बनाए गए थे। इनमें पौधों और वृक्षों की सैकड़ों-हजारों प्रजातियां हैं। इनमें एक ऐसे वृक्ष का भी जीवाश्म है, जिसके बारे में विश्वास किया जाता है कि वह 2 करोड़ वर्षों से भी अधिक पुराना है। इन खूबसूरत उद्यानों का रखरखाव राज्य के बागवानी विभाग के हाथ में है।

ऊटी झील : यहां नौका विहार कीजिए या मछली पकड़ने का शौक भी पूरा कर सकते हैं।

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मुदुमलाई वन्य प्राणी विहार : यह ऊटी से 67 किलोमीटर दूर है। अगर आप 1-2 दिन रुकते हैं, तो वन्य प्राणी विहार को देखना आपके लिए बहुत अच्छा अनुभव होगा। यहां बहुत से पेड़-पौधे और जीव-जंतु हैं। यहां इनकी दुर्लभ प्रजातियां हैं।

यहां हाथी, बड़ी गिलहरियां, सांभर, चीतल, भौंकनेवाले हिरण और उड़नेवाली गिलहरियां तो यूं ही देखने को मिल जाती हैं। इस अभयारण्य में किस्म-किस्म के पक्षियों को भी देखा जा सकता है। इनमें रंगबिरंगे तोते, काले कठफोड़वे, गरुड़ आदि शामिल हैं।

कोटागिरी : यह ऊटी के पूर्व में 28 किलोमीटर दूर पर छोटा-सा गांव है, यह नीलगिरी के 3 हिल स्टेशन में से सबसे पुराना है। यहां का मौसम अन्य पर्वत स्थलों से कहीं अधिक खुशनुमा रहता है। यहां हैरत में डालनेवाले कई चाय बागान हैं। इसलिए ऊटी जाएं तो कोटागिरी की सैर के लिए जाना न भूलें।

कालहट्टी वॉटरफॉल्स : कालहट्टी की ढलानों पर खूबसूरत रमणीक कालहट्टी जलप्रताप लगभग 100 फुट ऊंचा है। जो शहर से लगभग 13 किलोमीटर दूर है। इसलिए ऊटी जा रहे हैं तो इन प्रपातों को और आसपास के सुरम्य स्थलों को देखना भी न भूलें।

जलप्रपातों को देखते हुए आपको कालहट्टी-मसीनागुडी ढलानों पर वन्य प्राणियों की प्रजातियां भी देखने को मिल जाएंगी जिनमें पैंथर, सांभर और जंगली भैसें शामिल हैं।

मुकरूथी : यह ऊटी से लगभग 36 किलोमीटर दूर हैं और यहां से आप रमणीक मुकरूथी शिखर को देख सकते हैं।

सिम्स पार्क : यह पार्क ऊपरी कुनूर में 12 हेक्टेयर से अधिक इलाके में फैला हुआ है और माना जाता है कि इस पार्क में 1 हजार से अधिक पौधों की प्रजातियां हैं, जिनमें अनेक चीड़, फर्न और झाड़ियां शामिल हैं।

डॉल्फिंस नोज : यहां आप अपना समय मौजमस्ती में बिता सकते हैं। खेलों में हिस्सा ले सकते हैं और सैरसपाटा कर सकते हैं। यहां आने का एक फायदा यह है कि वहां से आसपास के इलाकों का समग्र दृश्य देख सकते हैं। अगर दिन साफ हो, तो वहां से कैथरीन जलप्रपातों को भी देख सकते हैं।


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कब जाएं : अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर तक।

मौसम : गर्मियों में अधिकतम 25 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस। सर्दियों में अधिकतम 21 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतम 5 डिग्री सेल्सियस।

कैसे जाएं :-
रेल मार्ग से : मेत्तूपलयम बड़ी लाइन का रेलवे स्टेशन है। बड़ी लाइन का प्रमुख रेल जंक्शन कोयंबटूर है, जो कि सभी बड़े नगरों से मिला हुआ है।

हवाई मार्ग से : यहां से सबसे नजदीक हवाई अड्डा कोयंबटूर है, जो कि 100 किलोमीटर दूर है। आप चेन्नई, कोजीकोडे, बंगलोर और मुंबई से कोयंबटूर के लिए सीधी उड़ान भर सकते हैं।

स्थानीय वाहन : बसें, टैक्सी आदि उपलब्ध हैं।

कहां ठहरें : डेक्कन पार्क रिजॉर्ट, होटल वेलबैक रेजीडेंसी, होटल लेक व्यू, होटल ऊटी आदि।

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