न राजनाथ रहेंगे, न ही आडवाणी

भाजपा में आमूलचूल बदलाव के संकेत

Webdunia
रविवार, 30 अगस्त 2009 (22:30 IST)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने रविवार को भाजपा के आपस में उलझे नेताओं से लड़ाई खत्म करने का वादा लिया और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में आमूलचूल बदलाव की पहल की गई, जिसके तहत पार्टी अध्यक्ष पद से राजनाथसिंह की अगले तीन महीने में विदाई और लोकसभा में विपक्ष के नेता पद से लालकृष्ण आडवाणी का इस्तीफा संभव है।

राजधानी में पिछले कुछ दिनों से डेरा डाले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार सुबह के नाश्ते पर आडवाणी से मुलाकात की, जिसे आडवाणी और उनके चिर प्रतिद्वंद्वी समझे जाने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास माना जा रहा है, जिनके आवास पर शनिवार को संघ प्रमुख ने दोपहर का भोजना किया था। कल भी आडवाणी की भागवत से मुलाकात हुई थी।

भाजपा के व्यापक बदलाव की मोटी रूपरेखा धीरे-धीरे सामने की आ रही है क्योंकि सूत्रों ने बताया कि 81 वर्षीय आडवाणी लोकसभा में विपक्ष के नेता के पद से हट जाएँगे, लेकिन इसके लिए कोई समय सीमा नहीं निर्धारित की गई है।

लोकसभा में विपक्ष के नेता पद की दौड़ में आडवाणी की मौजूदा नायब सुषमा स्वराज सबसे आगे चल रही हैं। आडवाणी को कोई और महत्वपूर्ण पद दिया जा सकता है, जिसमें भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के अध्यक्ष का पद शामिल है, जो अभी बीमार चल रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के पास है।

राजनाथ सिंह के लिए आज की गतिविधियाँ निराशाजनक रहीं जो दूसरी बार पार्टी अध्यक्ष बनने की महत्वाकांक्षा के विपरीत दिखाई दीं। सिंह को दूसरा कार्यकाल दिए जाने की संभावना पर पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने यहाँ सीधे कहा कि नहीं, हमारे यहाँ केवल एक कार्यकाल दिया जाता है, अत: किसी के मन में इस बारे में कोई संदेह नहीं रहना चाहिए। हर तीन साल बाद नए अध्यक्ष को चुनने के लिए चुनाव होता है।

राजनाथ का कार्यकाल इस साल दिसंबर में समाप्त हो रहा है। पार्टी विधान के अनुसार अध्यक्ष तीन साल के लिए चुना जाता है और वह लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए निर्वाचित नहीं किया जा सकता है।

सूत्रों ने बताया कि अरुण जेटली, एम. वेंकैया नायडू, सुषमा स्वराज और अनंत कुमार में किसी को अगला अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इंकार कर दिया है। संघ किसी ऐसे व्यक्ति को इस पद पर आसीन करने के पक्ष में है, जो राजनाथ या आडवाणी खेमे के व्यक्ति के रूप में नहीं देखा जाता हो।

पार्टी के एक नेता ने बताया कि संघ प्रमुख ने कहा है कि किसी ऐसे को उत्तराधिकारी बनाया जाए जो ओजस्वी युवा हो, उसका अच्छा रिकॉर्ड हो तथा वह देश भर में पार्टी कैडरों को स्वीकार्य हो। सूत्रों ने बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से कह दिया गया है कि वे इन शर्तों को पूरा करने वाले उत्तराधिकारी के नामों की सूची को अंतिम रूप देकर संघ को सौंपे।

दूसरी ओर विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी के राजनीति से अवकाश लेने की अटकलों को वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू ने पूरी तरह निराधार बताया। उन्होंने हैदाराबाद में कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि आडवाणी के अवकाश लेने या उनको कोने में धकेलने की मीडिया की अटकलें निराधार हैं। आडवाणी को कौन कोने में धकेल सकता है, किसमें ऐसी क्षमता है?

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