प्रकृति अनुराधा के चित्रों की ताक़त है : ज़कीया ज़ुबैरी

अनुराधा ऋषि के चित्रों की प्रदर्शनी संपन्न

Webdunia
रिपोर्टः दीप्ति कुमा र
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अनुराधा के लिए प्रकृति एक सुकूनदेह ताक़त है। वह अपनी चित्रकारी में नीले और हरे रंग का इस्तेमाल करती हैं जो कि ठंड े रंग हैं। साथ ही वे पीले रंग से ओवरटोन भर कर उसमें तेज पैदा करती हैं वह काबिले तारीफ़ है। अनुराधा मृत्यु में भी जीवन खोज लेती हैं। उनके ठूँठ वृक्ष भी मृत्यु की तरह डराते नहीं बल्कि नृत्य करते दिखाई देते हैं। अनुराधा के व्यक्तित्व की जीवंतता उनकी सभी पेंटिंग में बख़ूबी दिखाई देती है।' यह विचार कॉलिंडेल क्षेत्र की लेबर पार्टी काउंसलर श्रीमती ज़कीया ज़ुबैरी ने व्यक्त किए।

वे लंदन के नेहरू सेंटर में आयोजित अनुराधा ऋषि के चित्रों की प्रदर्शनी की प्रमुख अतिथि थीं। इस प्रदर्शनी का शीर्षक था ‘नेचर इन पीस - ए ट्रिब्यूट टू महात्मा’, प्रदर्शनी 2 अक्टूबर तक जारी रही।

नेहरू केन्द्र की निदेशक मोनिका मोहता ने कार्यक्रम का संचालन किया। चित्रकार अनुराधा ऋषि, काउंसलर ज़कीया ज़ुबैरी, तेजेन्द्र शर्मा (महासचिव-कथा यूके), एवं श्री के.बी. एल सक्सेना ने दीप प्रज्ज्वलन किया।

इस प्रदर्शनी में चित्रकार अनुराधा ऋषि ने हाल ही में बनाई 25 पेंटिंग प्रदर्शित की। सभी एक्रिलिक में बनाई गईं। इन सभी के केन्द्र में प्रकृति है। यह पेंटिंग जम्मू-कश्मीर के ख़ूबसूरत माहौल का चित्रण करती हैं। अनुराधा जी ने यह प्रदर्शनी राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को समर्पित की।

इस अवसर पर तेजेन्द्र शर्मा (महासचिव कथा यूके) ने कहा, 'अनुराधा ऋषि की कलाकृतियों में प्रकृति-माँ की गोद की गर्माहट का अहसास होता है। यह प्रकृति शांत और सुखदाई है। यहाँ प्रकृति का रौद्र तांडव देखने को नहीं मिलता। मनुष्य प्रकृति से दूर होता जा रहा है। मनुष्य द्वारा निर्मित प्रत्येक वस्तु प्रकृति को नुकसान पहुँचाती है। प्रकृति सृजन करती है और मनुष्य विनाश। महात्मा गाँधी को भी मनुष्य द्वारा निर्मित हथियार ने ही मार गिराया था। अनुराधा ने अपनी चित्रकारी में प्रकृति की भव्यता न दिखा कर उनमें एक अपनेपन की उष्मा भर दी है।'

अपने संक्षिप्त उद्बोधन में अनुराधा ऋषि ने पति ऋषि, आई.सी.सी.आर, नेहरू केन्द्र, मोनिका मोहता, ज़कीया ज़ुबैरी आदि को धन्यवाद दिया। अनुराधा ऋषि पहाड़ी चित्रकला के महान चित्रकार पंडित संसारचंद बाड़ू की पुत्री हैं, जो जम्मू के डोगरा कला संग्रहालय के संस्थापक थे। संयोगवश उनका जन्मदिन भी महात्मा गाँधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर को ही आता है।

इस अवसर पर काउंसलर लाशारी, जे.एस मल्होत्रा (एन.आर.आई.वर्ल्ड मीडिया नेटवर्क), आर.एस मोखा (उपाध्यक्ष-एस.ई.सी.ए.),मधुप मोहता, दिव्या माथुर, एच.एस. राव (पी.टी.आई), अयूब ऑलिया (अल्लारख्खा फाउंडेशन) एवं शाज़िया आदि उपस्थित थे।

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