गीत तेरे...!

- नीरज गोस्वामी

Webdunia
ND

गीत तेरे जब से हम गाने लगे
भीड़ में सबको नजर आने लगे।

सोच को अपनी बदल कर देख तू
मन तेरा गर यार मुरझाने लगे।

बिन तुम्हारे खैरियत की बात भी
पूछते जब लोग तो ताने लगे

वो मेहरबाँ है तभी करना यकीं
जब बिना माँगे ही सब पाने लगे

प्यार अपनों ने किया कुछ इस तरह
अब मेरे दुश्मन मुझे भाने लगे

सच बयानी की गुजारिश जब हुई
चीखते सब लोग हकलाने लगे।

खार तेरे पाँव में '‍नीरज' चुभे
नीर मेरे नैन बरसाने लगे।
Show comments

गर्भवती महिलाओं को क्यों नहीं खाना चाहिए बैंगन? जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

हल्दी वाला दूध या इसका पानी, क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?

ज़रा में फूल जाती है सांस? डाइट में शामिल ये 5 हेल्दी फूड

गर्मियों में तरबूज या खरबूजा क्या खाना है ज्यादा फायदेमंद?

पीरियड्स से 1 हफ्ते पहले डाइट में शामिल करें ये हेल्दी फूड, मुश्किल दिनों से मिलेगी राहत

जर्मन मीडिया को भारतीय मुसलमान प्रिय हैं, जर्मन मुसलमान अप्रिय

Metamorphosis: फ्रांत्स काफ़्का पूरा नाम है, लेकिन मुझे काफ़्का ही पूरा लगता है.

21 मई : राजीव गांधी की पुण्यतिथि, जानें रोचक तथ्य

अपनी मैरिड लाइफ को बेहतर बनाने के लिए रोज करें ये 5 योगासन

क्या है Male Pattern Baldness? कहीं आप तो नहीं हो रहे इसके शिकार