लोकल रेल सेवा में सुधार की जरूरत

Webdunia
चंद्रकांत शिंदे

महाराष्ट्र में ट्रेन का जाल अच्छी तरह बिछा हुआ है। मुंबईकरों के लिए भी ट्रेन का जाल बिछा हुआ है, लेकिन इस लोकल रेल सेवा में बेहद सुधार की जरूरत है। सभी राजनीतिक दल मुंबईकरों की लोकल सेवा पर ही ज्यादा ध्यान दे रहे हैं जिसकी वजह से इस समय लोकल ट्रेनें थोड़ी सी राहत मुंबईकरों को पहुँचा रही है। आने वाले रेल बजट से मुंबईकर अच्छी खासी अपेक्षाएँ रखे हुए हैं।

मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने महाराष्ट्र की रेल सेवा सुधारने के लिए कुछ सुझाव रेलमंत्री ममता बनर्जी को भेजे हैं। अशोक चव्हाण ने माँग की है कि मुंबई नागरी परिवहन प्रकल्प (एमयूटीपी) के दूसरे चरण की इजाजत के साथ ही पैसों का प्रावधान करें ताकि इस दूसरे चरण को सुचारु रूप से चलाया जाए।

एमयूटीपी के दूसरे चरण के लिए पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने 5 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। दूसरे चरण में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से लेकर कुर्ला तक छः लाइनें बिछाना, मुंबई सेंट्रल-सांताक्रुज-बोरीवली तक छः लाइनें बिछाना, बांद्रा-कुर्ला को जोड़ना, दिवा-कल्याण के बीच ज्यादा ट्रेन शुरू करना, दिवा-ठाणे के बीच भी नई ट्रेन शुरू करना, हार्बर लाइन को ठाणे से लेकर अंधेरी और गोरेगाँव तक ले जाना, सिग्नल प्रणाली को सुधारना, इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट (ईएमयू) मेंटेंनेन्स फैसिलटी आदि काम इसमें शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही हार्बर लाइन पर 12 डिब्बों की लोकल शुरू करने, नासिक-पुणे ट्रेन शुरू करने की भी माँग की है। नक्सली इलाकों में 200 किमी की नई पटरी बिछाने की माँग भी चव्हाण ने की है।

मुंबई की लोकल सेवा सुधारने के लिए एमयूटीपी 1 की योजना बनाई गई थी जिसका काम अब तक पूरा नहीं हुआ है। दिसंबर, 2009 में यह पूरा होने की उम्मीद है। इसके लिए और 1,374 करोड़ रुपए की जरूरत है तो एमयूटीपी 2 के लिए 1,700 करोड़ रुपए की जरूरत है। एमयूटीपी 1 के लिए 4,174,40 करोड़ की योजनाएँ बनाई गई जिसमें से मार्च 2009 तक 2,800 रुपए खर्च किए गए हैं।

विरार-डहाणू रोड को चौड़ा करने की भी योजना है जिस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके लिए ५० करोड़ की लागत है। यह रोड बनने से चर्चगेट से डहाणू तक लोकल ट्रेन जा पाएगी। इसे प्राथमिकता देने की माँग की जा रही है। दिसंबर, 2009 तक बारह डिब्बों की कुल 129 नई गाड़ियाँ खरीदनी हैं, लेकिन अब तक सिर्फ 51 ही नई गाड़ियाँ खरीदी गई हैं।

वसई-पनवेल शटल सेवा को सुधारने के लिए गाड़ियों की संख्या बढ़ाने की भी माँग की गई है। इन गाड़ियों को वसई की जगह विरार से चलाए जाए ताकि डहाणू से आने वाले यात्रियों को विरार और वसई में दो बार गाड़ी न बदलनी पड़े। कोंकण रेलवे द्वारा बोरीवली और वसई से कोंकण, गोआ, कर्नाटक जाने के लिए गाड़ियाँ शुरू की जाएँ।

पश्चिम रेलवे पर 2006 में हुए बम विस्फोट में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिवार वालों में से कुछ ऐसे हैं जिन्हें कोई राहत नहीं मिली है। उनका कोई निर्णय नहीं हो पाया है। लोगों की माँग है कि इसके लिए रेल मंत्री जनता दरबार का आयोजन करें।

मध्य और पश्चिम रेलवे में महिला स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की माँग भी मुंबईकर कर रहे हैं। कामकाज के लिए नासिक से पुणे जाने वालों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है इसलिए नासिक-पुणे ट्रेन शुरू करने की भी माँग है।ह चार नई ट्रेनों के अलावा कुछ के विस्तार और फेरे बढ़ाने की माँग है।

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