केरल में तलाक के मामले बढ़े

Webdunia
रविवार, 31 अक्टूबर 2010 (13:54 IST)
केरल में सात जन्मों का बंधन तोड़ने के इच्छुक लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। प्रदेश में केवल 2009-10 के दौरान पारिवारिक अदालतों में तलाक के 11,600 मामले दर्ज हुए हैं। केरल की 15 पारिवारिक अदालतों में पिछले पाँच सालों में तलाक के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं।

पारिवारिक अदालतों में साल 2005-06 में तलाक के 8,456 मामले आए, जबकि 2006-07 में 9,775, 2007-08 में 9,937 और 2008-09 में इनकी संख्या 11,194 हो गई।

केरल उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार कार्यालय के मुताबिक 2009-10 के दौरान तलाक के सबसे ज्यादा मामले एरनाकुलम में, 1,505 दर्ज हुए, जबकि त्रिशूर में इनकी संख्या 1,022 थी।

पारिवारिक अदालतों में पिछले दिनों आने वाला तलाक का सबसे हाई प्रोफाइल मामला मलयालम अभिनेत्री काव्या विश्वनाथन का था, जिन्होंने शादी के कुछ ही महीने बाद अपने पति से तलाक लेने की याचिका दायर की।

अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के मनोविज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. दिनेश के मुताबिक तलाक के मामलों में इजाफा सीधे तौर पर सामाजिक परिवर्तन से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा कि मध्यम और उच्च वर्ग में परिवार टूटने का एक बड़ा कारण शराब है। वहीं पारिवारिक शोषण और व्यक्तिगत संबंधी परेशानियाँ भी युवा दंपतियों के बीच शादी के कुछ ही महीने बाद संबंध टूटने का बड़ा कारण हैं। (भाषा)

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