जो वाराणसी को नहीं जानते, वहाँ की सियासत कर रहे हैं...

Webdunia
मंगलवार, 25 मार्च 2014 (13:58 IST)
इंदौर। जो लोग वाराणसी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित नहीं हैं वो क्या वाराणसी का प्रतिनिधित्व करेंगे? क्या वो कबीर को, बिस्मिल्ला खाँ की शहनाई को उसकी गहराई से जानते हैं? वाराणसी एक शहर नहीं, संस्कृति है। ये बात वरिष्ठ पत्रकार सईद नकवी ने यहाँ इंदौर में कही। वे प्रतिष्ठित संस्था 'अभ्यास मंडल' द्वारा 'राजनीति और संस्कृति' विषय पर आयोजित व्याख्यान में बोल रहे थे।
WD

सईद नकवी ने नाम लिए बगैर मोदी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा की ये देश गंगा-जमुनी तहज़ीब का देश है। शायरों और कलाकारों ने इसे समृद्ध किया है। जायसी, रहीम, कबीर, राही मसूम रज़ा ये सब उसी परंपरा के वाहक हैं। आज की सियासत उसे तोड़ने का काम कर रही है। ये घातक है। आज के राजनेता देश के इतिहास को जाने पढ़े बगैर यहाँ राज करने की बात करते हैं।

नकवी ने ये भी कहा कि काशी के विश्वनाथ मंदिर के बाहर बनी मस्ज़िद भी उन्हें तकलीफ देती है, चुभती है और ये ग़लत है। उन्होंने तो ये चुनौती भी दी की क्या वे (मोदी) 2002 के दंगों में अहमदाबाद में तोड़ी गई मज़ार को दोबारा बनाने की हिम्मत दिखा सकते हैं? अगर ऐसा है तो मैं उन्हें मानने के लिए तैयार हूँ। बहुत सारे शेर, कबीर के दोहे, रसखान के पद और ग़ालिब की शायरी के ज़रिए अपनी बात रखते हुए सईद नकवी ने कट्टरवाद पर तीखे हमले किए। (वेबदुनिया न्यूज)

वेबदुनिया पर पढ़ें

Show comments

जरूर पढ़ें

Rahul Gandhi : लोकसभा में राहुल गांधी होंगे विपक्ष के नेता, विपक्षी नेताओं की बैठक में फैसला

MP: मोहन सरकार का अहम फैसला, अब मंत्री स्वयं अदा करेंगे अपना आयकर सरकार नहीं

इंदौर-भोपाल, नागपुर, जयपुर से लेकर देशभर के शहरों में क्‍यों शटडाउन हो रहे FIIT JEE सेंटर्स, क्‍या है स्‍कैम?

काम आया पाई-पाई बचाया पैसा, 46 साल के भारतीय इलेक्ट्रिशियन ने निवेश में जीते 2 करोड़ रुपए, जानिए कैसे

राहुल ने संविधान हाथ में लेकर शपथ ली, ओवैसी बोले जय फिलीस्तीन

सभी देखें

नवीनतम

बरेली में बिरयानी पर बवाल, लेग पीस के चक्‍कर में टूटी शादी और फिर...

डोडा में सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में 2 आतंकी ढेर, मुठभेड़ जारी

कांग्रेस ने बताया, स्पीकर चुनाव में क्यों नहीं दिया मत विभाजन पर जोर?

केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद क्या बोली दिल्ली भाजपा?

मणिपुर को न्याय दिलाइए, Manipur हिंसा की लोकसभा में गूंज

More